समस्तीपुर के डेंगू संक्रमित दो मरीज पीएमसीएच में इलाजरत, स्वास्थ्य महकमा गंभीर
डेंगू के मरीज मिलने से एक बार फिर पूरे जिले में खतरा मंडराना शुरु हो गया है। बावजूद इसके स्वास्थ्य प्रशासन गंभीर नहीं हुआ है। हालांकि स्वास्थ्य महकमा जिले में डेंगू मरीज नहीं होने की बात कह रहा है।
समस्तीपुर, जासं। समस्तीपुर में डेंगू से पीड़ित दो मरीज के मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। दोनों मरीज पीएमसीएच पटना में इलाजरत है। उनकी पहचान शिवाजीनगर प्रखंड के जाखर निवासी मनीषा कुमारी और उदय नाथ चौधरी के रूप में हुई। हालांकि, दूसरे मरीज का पता अभी नहीं मिल पाया है। राज्य स्तर से दोनों मरीज की रिपोर्ट भेजी गई है। इस आधार पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. विजय कुमार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिवाजीनगर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को क्षेत्र अंतर्गत डेंगू के अन्य संभावित मरीजों का एक्टिव केस सर्च कराकर देने का निर्देश दिया है। इसमें स्पष्ट किया है कि मरीज पीएमसीएच में डेंगू संक्रमित होने पर इलाज कराए है। इसको लेकर आशा एवं एएनएम से मरीज का सत्यापन कराकर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। डेंगू के मरीज मिलने से एक बार फिर पूरे जिले में खतरा मंडराना शुरु हो गया है। बावजूद इसके स्वास्थ्य प्रशासन गंभीर नहीं हुआ है। हालांकि, स्वास्थ्य महकमा जिले में डेंगू मरीज नहीं होने की बात कह रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू मरीजों की संख्या अचानक तेजी से बढ़ सकती है।
सदर अस्पताल में पांच बेड का वार्ड तैयार करने का निर्देश
डेंगू एवं चिकुनगुनिया के नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकस हो गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में डेंगू एवं चिकनगुनिया प्रभावित क्षेत्रों में मरीज के प्रतिवेदित होने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिली है। नियंत्रण को लेकर सिविल सर्जन ने पूर्व में आदेश जारी किया था। बीमारी की संवेदनशीलता को देखते हुए इसके नियंत्रण को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जानी है। सदर अस्पताल में पांच बेड का आइसोलेशन वार्ड को आवश्यक सुविधाओं के साथ तैयार रखा जाना है। ताकि बीमारी से ग्रसित मरीजों का तत्काल बेहतर चिकित्सा किया जा सके।
डेंगू से बचाव को मच्छरदानी का प्रयोग जरूरी
चिकित्सक कहते है कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को यदि सामान्य फ्लू जैसे लक्षण हो तो भी उनकी जांच होनी चाहिए। क्योंकि शुरुआत में डेंगू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही होते है। अन्य स्वस्थ लोग डेंगू की चपेट में नहीं आए, इसके दो उपाय है। या तो मच्छरों को खत्म किया जाए या फिर संक्रमित मरीज को मच्छरदानी में रखा जाए। स्वस्थ लोग भी मच्छरदानी का प्रयोग करें। ल किन, चूंकि डेंगू वाहक मच्छर दिन में काटते है। इसलिए मरीज को 24 घंटें मच्छरदानी में रखना जरूरी है।
डेंगू से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं
सदर अस्पताल में सरकारी स्तर पर इससे पीड़ित मरीज की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। अभी जिले के रहने वाले मरीज डेंगू से संक्रमित हुए है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग अलर्ट नहीं हुआ है। न तो अस्पताल में डेंगू मरीज के लिए अलग से कोई वार्ड है ना ही डेंगू काटने के बाद किसी भी तरह की जांच की व्यवस्था हो पाई है।
मच्छर से बचाव का करें हर उपाय
- डेंगू दिन में काटने वाले एडीज नामक मच्छरों से फैलता है।
- आसपास मच्छरों को न पनपने देने का हर संभव प्रयास करें।
- पानी रखने के बर्तन को साबुन से धो कर मच्छरों के अंडे न पनपने दें।
- सुबह-शाम पूरे शरीर को ढ़क कर रखें। बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएं।
- अधिक मच्छर हो तो खिड़की और दरवाजे में जाली लगा कर मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।