पश्‍च‍िम चंपारण में डायरिया से दो बच्चों की मौत, बढ़ा वायरल बुख़ार का प्रकोप

West Champaran News बेत‍िया में डायर‍िया से बच्‍चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर लोगों व बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की है। गांव में ब्लीच‍िंग पाउडर का छिड़काव किया गया ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 04:30 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 04:30 PM (IST)
पश्‍च‍िम चंपारण में डायरिया से दो बच्चों की मौत, बढ़ा वायरल बुख़ार का प्रकोप
पश्‍च‍िम चंपारण में डायर‍िया के प्रकोप से बच्‍चे की मौत। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पश्‍च‍ि‍म चंपारण (बेतिया), जासं। गवर्नमेंट मेडिकल अस्पताल के शिशु वार्ड में वायरल निमोनिया व डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मुफस्सिल थाना के पूर्वी गनौली गांव में डायरिया से अनिल कुमार (4) व उसकी बहन प्रिया कुमारी उर्फ चुलबुली (3) की मौत हो गई। वहीं उनके भाई पवन कुमार (7) व सोझी कुमारी (डेढ़ वर्ष) का इलाज अस्पताल के शिशु वार्ड में किया गया।

स्वस्थ्य होने पर दोनों को चिकित्सकों ने अस्पताल से छुट्टी दे दी है। उधर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर लोगों व बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की है। गांव में ब्लीच‍िंग पाउडर का छिड़काव किया गया। मृत बच्चों की दादी बसंती देवी ने बताया कि उनके पुत्र रंजीत मांझी दूसरे प्रदेश में काम करने गए है। गुरुवार को अचानक बच्चों को उलटी व दस्त शुरू हो गई। सभी को पिपरा के समीप एक प्राइवेट चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया। जहां अनिल व प्रिया की मौत हो गई। चिकित्सक के कहने पर पवन व सोझी को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। वहां पर इलाज होने के बाद उनकी तबीयत में सुधार हुई है। अब वे ठीक होकर घर चले गए है। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गांव में अब कोई भी डायरिया से पीडि़त नहीं है।

पश्‍चि‍म चंपारण के सीएचसी में तड़पती रही बच्‍ची, नहीं मिला इलाज

धनहा। मधुबनी प्रखंड के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है। जिम्मेदारों की लापरवाही से विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं की हवा निकल रही है। दहवा स्थिति सीएचसी के इमरजेंसी बर्न केयर यूनिट में इलाज के अभाव में चार साल की बच्‍ची जलन व दर्द से तड़पती रही, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदना तक नहीं जगी। मामला खलवापट्टी गांव का है। मुकेश नट का आरोप है कि चार वर्षीय बच्‍ची सुमन कुमारी का पैर आग से जल गया था। जिसके इलाज के लिए स्वजनों के द्वारा इलाज के लिए सीएचसी में लाया गया। जहां स्वास्थ्य कर्मी नदारद रहे। स्वजनों के द्वारा अस्पताल में सभी जगह पर देखा गया। लेकिन मौके पर कोई नहीं मिला। ग्रामीणों ने इमरजेंसी में दवा नहीं होने की शिकायत सीएस वीरेन्द्र चौधरी को फोन पर किया गया।

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