West Champaran : नरकटियागंज- बेतिया मार्ग पर आवागमन ठप, सड़क पर बह रहा पानी दो फुट

West Champaran बार‍िश और बाढ़ का पानी पूरे पंचायत के गांव को चारों तरफ से घेरा लिया है। जिसके चलते जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय कौन कहे स्थानीय बाजार चनपटिया भी जाना मुश्किल हो गया है ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 04:22 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 04:22 PM (IST)
West Champaran : नरकटियागंज- बेतिया मार्ग पर आवागमन ठप, सड़क पर बह रहा पानी दो फुट
बेत‍िया में बाढ़़ का पानी सड़क पर आने से आवागमन बाध‍ित। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। मूसलाधार बारिश के बाद साठी थाना क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का कहर जारी है। सिकरहना नदी के तट पर बसा वसंतपुर पंचायत पूरी तरह से नदी के कहर में डुब चुका है। जिससे यहां के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। बाढ़ का पानी पूरे पंचायत के गांव को चारों तरफ से घेरा लिया है। जिसके चलते जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय कौन कहे स्थानीय बाजार चनपटिया भी जाना मुश्किल हो गया है। आलम यह हैं कि लगातार तीन दिनों से हुई बारिश के कारण और नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। सिकरहना नदी का उफान वसंतपुर, दलिहान परसौना, धमौरा पंचायत के सभी गांवों को चारों तरफ से घेर दिया है। वहीं पंडई नदी सतवरिया, सेमरी, ङ्क्षसहपुर, साठी, परसौनी, हिच्छोपाल आदि गांवों को प्रभावित किया है। करताहां नदी भपटा पंचायत, सोमगढ़, भेडि़हरवा के गांवों को अपने आगोश में ले लिया है। जिसके चलते जन-जीवन काफी अस्त-व्यस्त है। वहीं संतवरिया लचका पर तीन से छह फीट तक सिकरहना नदी का पानी तेज गति से बढ़ रहा है। जिसके चलते नरकटियागंज-बेतिया मुख्य मार्ग सिकरहना नदी के कहर में डूृब चुका है। लगातार तीन से सड़क पर पानी लगने के कारण आवागमन प्रभावित है।

वहीं अभी तक एनडीआरएफ या जिला-अनुमंडल से कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचे है। यू तो लगातार बारिश के बाद सिकरहना, पंडई, करताहां नदी में बढ़े जलस्तर के कारण साठी थाना क्षेत्र के अधिकांश गांव बाढ़ में समाहित हो गए है। लोग किसी तरह अपनी जान बचाकर ऊंचे स्थान पर रह है। बावजूद बाढ़ पीडि़तों के पास सहायता नहीं पहुंची। जन जीवन तीन दिनों से अस्त व्यस्त है। यहां तक की कोई बीमार हो जाए तो मौत के सिवा उसे कोई दूसरा उपाय नहीं है। स्थानीय मुखिया पंकज बरनवाल बाढ़ पीडि़तों के बीच मदद पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए है। उनका कहना हैं कि मदद की बात कौन कहे यहां कि स्थिति को देखने कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचे है। बाढ़ के कारण कई घरों का चूल्हा बंद हो गया है।

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