मुजफ्फरपुर के कटरा में आवागमन बनी समस्या, प्रखंड की मुख्य सड़कें क्षतिग्रस्त

कई पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त पीपा पुल बहने से 18 पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग। अबतक बहाल नहीं हो सका आवागमन अक्टूबर-नवंबर तक रहेगी यही स्थिति।जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी रही और सभी मार्गोंं पर पानी चढ़ गया जिससे आवागमन बाधित हो गया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 04:44 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 04:44 PM (IST)
मुजफ्फरपुर के कटरा में आवागमन बनी समस्या, प्रखंड की मुख्य सड़कें क्षतिग्रस्त
जिले को प्रखंड मुख्यालय से जोडऩे वाली सड़क ध्वस्त, आवागमन बाधित।

कटरा (मुजफ्फरपुर), संस। बाढ़ के पानी के तेज बहाव में प्रखंड की सभी मुख्य सड़कें बह गईं। सड़कों पर तीन से पांच फीट तक पानी चलने से आवागमन बाधित हो गया। बाढ़ पीडि़तों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया। अधिकतर सड़कें इस कदर क्षतिग्रस्त हुर्इं कि अबतक चलने लायक नहीं हैं। कई पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गए जिस कारण अबतक यातायात ठप पड़ा हुआ है। अक्टूबर-नवंबर से पहले ये सड़कें चालू होने की स्थिति में नहीं आएंगी। बागमती के जलस्तर बढऩे के साथ ही बाढ़ की आशंका लोगों को सताने लगी थी। समय से पूर्व हो रही लगातार तेज बारिश से आशंकाओं को बल मिला और बाढ़ ने दस्तक दे दी। प्रखंड मुख्यालय को 18 पंचायतों से जोडऩे वाली मुख्य सड़क में बागमती नदी पर स्थित पीपा पुल प्रारंभ में ही बह गया।

   उधर, गंगेया का पीपा पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। इन दोनों पुल के बंद होने से प्रखंड मुख्यालय का सड़क संपर्क ही भंग हो गया। जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी रही और सभी मार्गोंं पर पानी चढ़ गया जिससे आवागमन बाधित हो गया। जिला मुख्यालय से प्रखंड को जोडऩे वाली मुख्य सड़क दरगाह पेट्रोल पंप के पास क्षतिग्रस्त हो गई। आवागमन पूरी तरह ठप पड गया।

बकुची चौक की सड़क इस कदर बर्बाद हुई कि अब भी पैदल के सिवा आवागमन का कोई साधन नहीं है। नवादा में दो स्थानों पर सड़क टूट गई। अंदामा की ग्रामीण सड़क 50 फीट में टूट गई। अभी लोगों ने जनसहयोग से चचरी बनाकर आवागमन चालू किया है। गंगेया हाईस्कूल के पास 20 फीट में सड़क क्षतिग्रस्त है। इस हाईस्कूल को आश्रय स्थल बनाया गया था जो खुद आश्रयविहीन बन गया। यही स्थिति बर्री कोठी के पास हुई। ठीकेदार की मनमानी के कारण पुलिया के लिए खोदी गई सड़क से पानी का बहाव हुआ और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। तेहवारा-बर्री मार्ग का पुल पहले ही ध्वस्त हो चुका था। इसके साथ ही सड़क में कटाव हुआ और अभी यहां पांच फीट पानी बह रहा है। बैगनी-बसंत की सड़कें भी बाढ़ में बह गईं और चचरी ग्रामीणों का सहारा बना है।

बसघटृा डायवर्सन पर तीन फीट पानी बह रहा है। यहां नाव चल रही है। डुमरी-खंगुरा मार्ग में शाखो के पास दो स्थानों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई जहां नाव चल रही है। चंगेल-शहनौली के बीच लीलजा नदी पर निर्मित चचरी बह गई जिससे आवागमन बाधित है। नगवारा और पहसौल में भी सड़कों पर पानी भर गया जो अब भी बाधित है। निर्माणाधीन एनएच 527 भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है। भरी गई मिटृी बाढ़ में बह गई। इन क्षतिग्रस्त सड़कों पर आवागमन बहाल करने के लिए अबतक कोई पहल सरकारी स्तर पर नहीं हुई है। समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने जन सहयोग से चचरी बनाकर आवागमन चालू किया है, लेकिन वाहनों का चलना असंभव है। जय नारायण ठाकुर ने बताया कि सड़क टूटने के बाद हमलोग नारकीय जीवन जीने को विवश थे। मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो गया तथा अधिकतर घरों में पानी था। बड़ी मुश्किल में जीवन फंसा था, लेकिन प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली। चंद्रकांत मिश्र ने कहा कि बाढ़ का दृश्य इतना भयंकर था कि जीवन संकट में था। प्रशासन से राहत वितरण की मांग भी की। सहदेव भगत कहते हैं कि बाढ़ का पानी घर में घुस गया जिससे खाद्यान्न सहित सभी सामग्री बर्बाद हो गई। अब आवागमन की बाधा सामने है। लेकिन सरकारी स्तर पर अबतक कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। बकुची चौक उजाड़ हो गया।  

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