पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में वाकिंग ट्रैक से वादियों का लुत्फ उठाएंगे सैलानी

100 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण गंडक बैराज से कलेश्वर तक विस्तार। वाकिंग ट्रैक से नदी के किनारे का दिखेगा मनोरम दृश्य। वाल्मीकिनगर में गंडक बैराज से लेकर कलेश्वर तक करीब चार किलोमीटर में निर्माण हो रहा है।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 08:49 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 08:49 AM (IST)
पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में वाकिंग ट्रैक से वादियों का लुत्फ उठाएंगे सैलानी
गंडक नदी के किनारे बनने वाले ट्रैक का काम मई तक पूरा होने की उम्मीद है। फाइल फोटो

पश्चिम चंपारण, विनोद राव। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) में सैलानी वाकिंग ट्रैक से नदी और पहाड़ी वादियों का दीदार कर सकेंगे। करीब 100 करोड़ की लागत से वाकिंग पिट का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें करीब चार किमी का क्षेत्र भारतीय सीमा और साढ़े तीन किमी नेपाल में है। वाल्मीकिनगर में गंडक बैराज से लेकर कलेश्वर तक करीब चार किलोमीटर में निर्माण हो रहा है। वहीं, नेपाल में ठठिया टोला से वैष्णव टोला तक विस्तार हो रहा है। गंडक नदी के किनारे बनने वाले ट्रैक का काम मई तक पूरा होने की उम्मीद है।

पहाडिय़ों के बीच से सनराइज और सनसेट होगा आकर्षण

ट्रैक से पहाड़ों और जंगलों से घिरी गंडक नदी का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। पहाड़ों के बीच उगते और डूबते सूरज की लालिमा और नदी के पानी में उसकी परछाईं सैलानियों को अलौकिक अनुभूति का एहसास कराएगी। इधर, गेस्ट हाउस के पास ईको पार्क बनकर तैयार हो चुका है, जिसकी खूबसूरती सैलानियों को आकॢषत करती है।

नई सुविधा बढऩे से बढ़ेंगे सैलानी

वीटीआर के सीएफ हेमकांत राय का कहना है कि वीटीआर अपनी जैव विविधता के कारण लोकप्रिय है। पिछले पर्यटन सीजन सितंबर से लेकर जून तक यहां डेढ़ लाख सैलानी पहुंचे थे। इस सीजन में अब तक 10 हजार सैलानी आ चुके हैं। इनमें साढ़े पांच हजार अन्य प्रदेशों से पहुंचे हैं। नई सुविधाओं के शामिल होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। 940 वर्गकिमी में फैले रिजर्व में बाघ, तेंदुआ, भालू, गौर, हिरण, भेडिय़ा, लोमड़ी, जंगली कुत्ते, किंग कोबरा, अजगर, रसल वाइपर समेत कई अन्य जीवों का वास है।

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