पश्चिम चंपारण के प्रसंडा और डुमरिया सरेह में बाघ ने डाला डेरा, डरे सहमे ग्रामीण
वीटीआर के मंगुराहां वन क्षेत्र से रिहायशी इलाके में पहुंचा बाघ उसकी ट्रैकिंग में लगे वनकर्मी बाघ की जानकारी होने के बाद स्थानीय लोग दहशत में रह रहे हैं। बाघ के पगमार्क देख यह अनुमान लगाया जा रहा कि बाघ गन्ने के खेत छुपा हुआ है।
पश्चिम चंपारण, जासं । वाल्मीकि व्याघ्र परियोजनाके मंगुराहां वन क्षेत्र से भटकर गौनाहा प्रखंड के रिहायशी इलाके में पहुंचे बाघ ने आधे दर्जन से अधिक गांवों के लोगों की नींद उड़ा दी है। गौनाहा, मनीटोला, प्रसंडा, डुमरिया, जमुनिया गांवों के सरेह में भय से लोग नहीं जा पा रहे हैं । वनरक्षी रूपेश कुमार ने बताया कि बाघ के पगमार्क से पता चला है कि बाघ अब पंडई नदी पार कर पुल के आसपास गन्ने के खेत में डेरा जमाये था। सोमवार को पंडई नदी के पूरब दक्षिण दिशा में उसके पगमार्क को देखा गया उसकी ट्रैकिंग में लगे वनरक्षी रूपेश कुमार तथा टाइगर टेकर दारा महतो, कुंदन कुमार , रामाधार कुमार, बागड़ गुरो , विजय उरांव, बिहारी महतो, बृजमोहन कुमार ने बताया कि बाघ गौनाहा व मनी टोला सरेह से दूसरे दिन उसके दक्षिण पूरब सरेह में गन्ना तथा खरहुल में रहा है। उसके पगमार्क से प्रतीत होता है कि अब वह डुमरिया, प्रसंडा सरेह में चला गया है । बाघ के ट्रैकिंग करने में लगे वन कर्मियों ने बताया कि वह जंगल की तरफ मुड़ने के बजाय पूरब की तरफ मुड़ गया है, जिससे घेघवलिया, बेतहनिया, सहोदरा, जमुनिया के लोग भयभीत हैं।
जंगल की ओर मोड़ने के प्रयास मे लगा वन विभाग
मंगुराहां रेंजर सुनील कुमार पाठक नेे बताया कि प्रतिदिन बाघ के पगमार्क को देखा जा रहा है। तीन दिनों से बाघ को मनी टोला, गौनाहा, प्रसंडा और डुमरिया सरेह में होने की सूचना मिल रही है। उसे जंगल की तरफ मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। लगातार नजर रखी जा रही है ताकि बाघ किसी घटना को अंजाम नहीं दे सके। एक सप्ताह पूर्व यहीं बाघ मंगुराहां सरेह में स्टेशन के समीप गन्ने के खेत में डेरा जमाए हुए था, जिसे वन विभाग द्वारा जंगल की ओर मोड़ दिया गया था । फिर बाघ रिहायशी इलाके में पहुंच गया है।