सीतामढ़ी डीएम के नाम पर ठगी, फर्जी सरकारी पत्र दिखा राशनकार्ड बनाने व ग्रामीणों को ठगने वालेे तीन पकड़ाए
सीतामढ़ी में राशनकार्ड बनाने के नाम पर नाजायज वसूली। इसके लिए डेवलपमेंट स्ट्रक्चर सॉल्यूशन एंड मैनेजमेंट प्रा.लि. 369 सेक्टर -17 द्वारका नई दिल्ली द्वारा डीएम सीतामढ़ी के नाम प्रेषित एक फर्जी पत्र का उपयोग करने वाले तीन शातिरों को ग्रामीणों ने पकड कर पुलिस के हवाले कर दिया।
सीतामढ़ी,जासं। महिंदवाडा थाना क्षेत्र के महेशा-फरकपुर व बरहेत्ता पंचायत में राशनकार्ड बनाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले तीन शातिरों को ग्रामीणों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। बरहेत्ता पंचायत के जनवितरक के पति व वासुदेव ग्रामवासी अजीत कुमार सिंह के आवेदन पर तीनों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में बथनाहा थाना क्षेत्र के सोनमा गांव निवासी महेशी राम के पुत्र मनोज राम, बथनाहा के ही कोइली गांव के रघुनाथ झा के पुत्र दीपक कुमार व शिवहर के तरियानी थाना क्षेत्र अंतर्गत पचरा-लक्ष्मीपुर निवासी किशुन राम के पुत्र विजेंदर राम मुकुल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। तीनों को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
राशन कार्ड बनाने, राशन कार्ड में अतिरिक्त नाम जोडऩे तथा आधार ङ्क्षलक करने के नाम पर धड़ल्ले से नजायज वसूली की जा रही थी। इसके लिए वह डेवलपमेंट स्ट्रक्चर सॉल्यूशन एंड मैनेजमेंट प्रा.लि. 369, सेक्टर -17 द्वारका नई दिल्ली द्वारा डीएम, सीतामढ़ी के नाम प्रेषित एक फर्जी चिठ्ठी का उपयोग किया जा रहा था। इस चिठ्ठी में प्रोजेक्ट इंचार्ज ने संस्था के द्वारा जारी इस स्मार्टलाइजेशन कार्य में डीएम, सीतामढ़ी से सहयोग की अपील की गई है। खास यह भी कि पत्र पर समाहरणालय सीतामढ़ी की सील मुहर भी लगी है।
प्रोजेक्ट इंचार्ज ने अपने अधिकृत वेंडर स्पाक इंटरप्राइजेज, अहमद किदवई रोड, कोलकाता द्वारा इस कार्य को संपन्न कराने की सूचना दी है। इसी पत्र को हथियार बनाकर लोगों के साथ ठगी की शुरुआत कर दी। प्रखंड के महेशा-फरकपुर पंचायत अंतर्गत क्वाही गांव के दर्जनों लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने के बाद शातिर बरहेत्ता पंचायत में पहुंचे। पंचायत में राशनकार्ड बनाने के नाम पर 500 रुपए तथा आधारकार्ड ङ्क्षलक करने के नाम पचास से सौ रुपए तक की वसूली करने लगे। पंचायत की जनवितरक प्रणाली के दुकानदार नीतू कुमारी के पति अजित कुमार सिंह ने संदेह के आधार पर इसकी खोजबीन शुरू कर दी। ऑफिस से फर्जीवाड़े की पुष्टि होने के बाद उसने इसकी सूचना तत्काल स्थानीय मुखिया को दी। मुखिया पति विनोद प्रसाद सिंह की मौजूदगी में ग्रामीणों ने शातिरों को वसूली करते रंगेहाथ पकड़ा तथा पुलिस के हवाले कर दिया। गांव वालों की मानें तो इनको छुड़ाने के लिए शिवहर व सीतामढ़ी से स्कॉर्पियों से पहुंचे अन्य चार को भी ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दिया था, जिन्हें पुछताछ के बाद पुलिस के द्वारा मुक्त कर दिया गया।