समस्तीपुर में विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार नहीं खुलने पर आंदोलन की धमकी

Bihar News पर्यवेक्षण कर रहे भाकपा-माले प्रखंड सचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मंशा स्पष्ट करे कि विश्वविद्यालय जनहित में कार्य करना चाह रही है या लोगों को मुख्य गेट बंद कर परेशान कर रही है ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 02:45 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 02:45 PM (IST)
समस्तीपुर में विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार नहीं खुलने पर आंदोलन की धमकी
भाकपा-माले व छात्र संगठन आइसा आंदोलन करेगी।

समस्तीपुर, जासं। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार नहीं खोलने पर भाकपा-माले व छात्र संगठन आइसा आंदोलन करेगी। प्रखंड के महमदपुर देवपार में आइसा प्रखंड अध्यक्ष रौशन कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया । पर्यवेक्षण कर रहे भाकपा-माले प्रखंड सचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मंशा स्पष्ट करे कि विश्वविद्यालय जनहित में कार्य करना चाह रही है या लोगों को मुख्य गेट बंद कर परेशान कर रही है । उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय की कई अनियमितता को उजागर कर राष्ट्रपति, आईसीएआर नई दिल्ली व अन्य स्थानों पर साक्ष्य के साथ पत्र भेजकर जांच की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस बात से रु-ब-रु है कि अनुमंडलीय अस्पताल पूसा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रखंड मुख्यालय, थाना आदि स्थलों पर जाने का यह मुख्य मार्ग है। लोगों को इन जगहों पर घूमकर दूसरे रास्ते से अधिक दूरी तय कर जाना पड़ता है ।

लोगों को परेशान कर विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि लोग परेशान हैं तो हमें क्या मतलब, हम अपनी मनमानी चलाएंगे । आइसा प्रखंड अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा एलडीसी व जूनियर अकाउंटेंट क्लर्क का शॉर्टलिस्ट जारी करने में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। जब तक मुख्य द्वार नहीं खुलता तब तक धारावाहिक आंदोलन करने की घोषणा की है। इसकी शुरुआत 14 जून को स्टेट मैनेजर वीरेंद्र सिंह का पुतला फूंक कर किया जाएगा। मौके पर महेश सिंह, सुरेश कुमार समेत अनमोल कुमार,राजन कुमार, पंकज कुमार, संतोष कुमार, सुभाष कुमार, रवि कुमार, रुकेश कुमार, राकेश कुमार इत्यादि मौजूद थे। सभी सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय की मनमानी चरम पर है । संस्थान को जनहित से जुड़े बातों की चिंता कम स्वहित की चिंता ज्यादा रहती है । ऐसे में यदि विवि अपना निर्णय बदलती है तो जनता से जुड़े सवालों पर आंदोलन किया जाएगा ।

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