Muzaffarpur: होली में इस बार मुखौटे व टोपी की बिक्री फीकी, पिछले साल वाली टोपियां बेच रहे दुकानदार
Muzaffarpur News कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे का असर इस बार होली पर साफ दिख रहा है। अमूमन होली में खूब बिकने वाले मुखौटे और टोपियों की बिक्री इसबार फीकी है। संक्रमण खतरे के मद्देनजर दुकानदारों ने अधिक मुखौटे और टोपी नहीं मंगाए हैं।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे का असर इस बार होली पर साफ दिख रहा है। अमूमन होली में खूब बिकने वाले मुखौटे और टोपियों की बिक्री इसबार फीकी है। संक्रमण खतरे के मद्देनजर दुकानदारों ने अधिक मुखौटे और टोपी नहीं मंगाए हैं। पिछले साल की ही बची डिजाइनर टोपियां और मुखौटे अधिकांश दुकानदार बेच रहे हैं। हालांकि उनके भी खरीदार अभी बाजार में कम ही हैं।
छाता बाजार के खुदरा व्यवसायी मो. जावेद ने बताया कि होली के ये आइटम कोलकाता से मंगवाए जाते हैंै। लेकिन इसबार कोरोना को देखते हुए वहां से सामान नहीं मंगवाया है। दुकान में जो पिछले साल के सामान बचे हैं उन्हीं की बिक्री की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अभी मोदी मुखौटा की मांग सबसे अधिक हैं। सार्वजनिक जगहों पर इस बार होली मिलन समारोह पर रोक है, इसलिए इन सब चीजों की बिक्री भी आधी हो गई है। इसलिए रेट भी अधिक नहीं लिया जा रहा है।
छाता बाजार के थोक विक्रेता प्रकाश कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार पिचकारी के साथ मुखौटा, टोपी, नकली बाल, मूंछ आदि बिक्री के लिए ले जा रहे। लेकिन उनकी बिक्री कितनी होगी इसपर संशय बना हुआ है। उन्होंने बताया कि इसबार नए चाइनीज आइटम्स भी बाजार में नहीं आए हैं।