भैया! यह है लेडी नटवरलाल, कोई भी ऐसा सगा नहीं, जिनको इसने ठगा नहीं

सीबीआइ अफसर बनकर ठगी करने वाली ज्योति को पुलिस ने किया गिरफ्तार। चंडीगढ़ निवासी है गिरफ्तार ज्योति खुद को डॉक्टर भी बताया। धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने की कार्रवाई। छात्रा को दिलाया था मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने का भरोसा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:24 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 01:19 PM (IST)
भैया! यह है लेडी नटवरलाल, कोई भी ऐसा सगा नहीं, जिनको इसने ठगा नहीं
नगर थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई हुई। प्रतीकात्‍मक फोटो

मधुबनी, जासं। सीबीआइ अफसर बनकर ठगी के आरोप में चंडीगढ़ निवासी ज्योति झा को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह नगर थाना क्षेत्र में सुभाष चौक के पास किराए के मकान में रहती है। उसके विरुद्ध जालसाजी व धोखाधड़ी का आरोप है। वह लोगों को नौकरी दिलाने और एडमिशन कराने का लालच देकर ठगी करती थी। उसके खिलाफ सुभाष चौक निवासी घूरन महतो की पुत्री शिल्पी कुमारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। नगर थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई हुई। 

प्राथमिकी के अनुसार, शिल्पी कुमारी (19) मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। एक सप्ताह पूर्व ज्योति झा शिल्पी की छोटी बहन से मेकअप कराने उसके घर गई थी। बताया कि जन्मदिन है। बातचीत के दौरान कहा कि यहां के एक मेडिकल कॉलेज में वह डॉक्टर और चंडीगढ़ में सीबीआइ अफसर है। शिल्पी ने कहा कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही है। तब ज्योति झा ने कहा कि वह मेडिकल कॉलेज, चंडीगढ़ में एडमिशन करवा देगी। शिल्पी ने माता-पिता से कहा कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए वह ज्योति झा के साथ चंडीगढ़ जाना चाहती है। ज्योति पर भरोसा कर शिल्पी के माता-पिता राजी हो गए। 27 जुलाई को शिल्पी से तीन हजार रुपये लिया और साथ लेकर ज्योति चंडीगढ़ के लिए निकली। बस से मुजफ्फरपुर पहुंची। पता चला कि चंडीगढ़ वाली बस जा चुकी है। इसके बाद दोनों मुजफ्फरपुर में निलेश नामक एक व्यक्ति के घर पर ठहरी। 28 जुलाई की सुबह चंडीगढ़ वाली बस से रवाना हुई। रास्ते में बस की चेकिंग के दौरान ज्योति झा के बैग में चोरी के जेवरात मिले। महिला पुलिस दोनों को सखी-1 स्टॉप सेंटर पर ले गई। ज्योति पर संदेह होने के बाद शिल्पी ने पिता को फोन किया। फिर शिल्पी को वहां से पिता वापस लेकर आए। शिल्पी का डेबिट कार्ड ज्योति के पास ही था। वापस आते समय बैंक अकाउंट से एक हजार रुपये निकासी का मैसेज भी शिल्पी को मिला। जब ज्योति वापस किराए वाले मकान में आई तो शिल्पी वहां पहुंची। दोनों में बकझक हुई। मकान मालिक से ज्योति के आधार कार्ड की फोटो कॉपी मिली। इससे पता चला कि वह चंडीगढ़ की रहने वाली है। शिल्पी ने उसपर गलत नीयत से चंडीगढ़ ले जाने का आरोप भी लगाया।  

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