बिहार के ये डीएम बने किसान, संभाली धान रोपनी की कमान; बताए श्रीविधि तकनीक के फायदे

मधुबनी के डीएम डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे श्री विधि तकनीक से धान की रोपनी को क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए खेत में खुद उतरे। किसानों को प्रेरित किया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 02:58 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 07:34 AM (IST)
बिहार के ये डीएम बने किसान, संभाली धान रोपनी की कमान; बताए श्रीविधि तकनीक के फायदे
बिहार के ये डीएम बने किसान, संभाली धान रोपनी की कमान; बताए श्रीविधि तकनीक के फायदे

मधुबनी, जेएनएन। किसान भगवान होते हैं। वे अन्नदाता हैं। ये बातें कहने-सुनने में बहुत अच्छी लगती हैं। लेकिन, जब खेत में काम करने या फिर आगे बढ़कर किसानों की मदद करने की बात हो तो कम ही सामने आ पाते हैं। इन गिने-चुने लोगों में बिहार स्थित मधुबनी के डीएम भी हैं। जो खेत में उतरे। श्री विधि तकनीक को बढ़ावा देने के लिए खुद धान की रोपाई शुरू कर दी। डीएम डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे रविवार को पंडौल कृषि फॉर्म पर पहुंचे। यहां श्रीविधि तकनीक की जानकारी लेने के बाद इसको प्रमोट करने के लिए उन्होंने धान की रोपाई की।  

सीतामढ़ी की डीएम ने भी की थी धान की कटाई

खेत में उतरने वाले मधुबनी के डीएम अकेले नहीं हैं। इससे पहले सीतामढ़ी की जिला पदाधिकारी (डीएम) अभिलाषा कुमारी भी खेती की कमान संभाल चुकी हैं। वे खुद धान के खेत में पहुंच धान की फसल की कटाई की थी। उनके साथ कई अधिकारी भी उस समय थे। खेतों में उन्हें देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट गई थी। डीएम अभिलाषा कुमार की इस पहल को लोगों ने काफी सराहा था। 

दरअसल, माेबाइल एप्‍प के माध्‍यम से धान की कटाई करनी थी। इसके लिए सीतामढ़ी में डुमरा प्रखंड की रसलपुर पंचायत का चयन किया गया था। वाजितपुर धर्मकांटा गांव में धान की कटाई (क्रॉप कटिंग) रखी गई थी। 

डीएम अभिलाषा कुमारी समय पर वहां पहुंचीं। वाजितपुर धर्मकांटा गांव के किसान अरुण कुमार सिंह के खेसरा क्रमांक 1011 में अगहनी धान फसल कटनी का प्रयोग मोबाइल एप्प से किया गया। बिल्कुल किसान के अंदाज में डीएम अभिलाषा कुमारी ने कचिया से धान की कटाई की। इसके बाद अन्‍य लोगों ने भी धान की फसल को काटा।

सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी रसूलपुर पंचायत के वाजितपुर धर्मकांटा गांव पहुंची थी। उन्‍हाेंने धान की फसल को काटा। क्रॉप कटिंग के समय लोग काफी जागरूक होकर उन्‍हें देख रहे थे। नई तकनीक को ले गांव के लोग उत्‍साहित भी थे। बता दें कि सीतामढ़ी जिला अंतर्गत कुल 250 पंचायतों में 1250 मोबाइल प्रयोग किया जाना निर्धारित है। 

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