Chandra Grahan July 2020 : इस वर्ष के तीसरे चंद्रग्रहण को लेकर रही ऊहापोह की स्थिति

Chandra Grahan July 2020 मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार में दिखाई नहीं दिया। इस वजह से कोई सूतक काल भी नहीं हुआ। फिर भी कुछ लोगों ने इस दौरान नियमों का पालन किया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 02:07 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 12:58 PM (IST)
Chandra Grahan July 2020 : इस वर्ष के तीसरे चंद्रग्रहण को लेकर रही ऊहापोह की स्थिति
Chandra Grahan July 2020 : इस वर्ष के तीसरे चंद्रग्रहण को लेकर रही ऊहापोह की स्थिति

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आज का चंद्रग्रहण समाप्त हो गया है। वर्ष का तीसरा चंद्रग्रहण। यह पिछले चंद्र ग्रहण के पूरे एक महीने बाद पांच जुलाई यानी रविवार को लगा। मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तर बिहार में यह दिखाई नहीं दिया। इस वजह से यहां कोई सूतक काल भी नहीं रहा। वैसे यहां चंद्रग्रहण को लेकर उहापोह की स्थिति रही। किसी ने ग्रहण के नियमों का पालन किया तो किसी ने यहां नहीं दिखने का वास्ता दिया। वैसे भी कोरोना के कारण पहले से ही शहर में मंदिरों को बंद कर दिया गया है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 8.38 बजे शुरू होकर 11.21 बजे तक रहा।

मुजफ्फरपुर स्थित जगदंबा नगर,बैरिया के आचार्य अभिनय पाठक ने कहा कि यह चंद्रग्रहण उपछाया ग्रहण था। गुरु पूर्णिमा के दिन रहा। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं दिया। इसलिए सूतक जैसी बात नहीं रही। इसको अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में देखा गया I यह दो घंटे 48 मिनट और 24 सेकेंड रहा। भारतीय समयानुसार 8.38 बजे शुरू होकर यह 11.21 मिनट तक रहा।

दो से अधिक ग्रहण कष्टकारी 

आचार्य पाठक ने बताया कि किसी भी मास में दो या दो से अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के लिए कष्टकारी होता है। ऐसे ग्रहण आर्थिक मंदी, अतिवृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इनसे बचने के लिए स्नान-दान धर्म सूर्य उपासना गायत्री मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना श्रेयष्कर रहता है। इसे ग्रहणकाल के बाद अब भी किया जाना चाहिए। 

आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण पूजन

यह ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ा। प्राचीन काल से अब तक आज के दिन गुरु पूजा की परंपरा रही है। आज के दिन लोगाें ने पवित्र नदियों में स्नान करके श्रीहरि विष्णु की पूजा की। आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण पूजन, शंख पूजन के बाद शंख ध्वनि से घरो में सुख-समृद्धि का आगमन होता है एवं निरोग काया की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। I

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