पूसा कृषि विश्वविद्यालय के ये उत्पाद कोरोना संक्रमण से बचाव में साबित हो रहे कारगर

गुड़ में कई तत्वों को मिलाकर बनाया इम्यूनिटी बूस्टर। बेशकीमती जड़ी बूटियों से बनाया मिश्रण। मशरूम भी कई बीमारियों से लड़ने में कारगर।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 11:23 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 05:57 PM (IST)
पूसा कृषि विश्वविद्यालय के ये उत्पाद कोरोना संक्रमण से बचाव में साबित हो रहे कारगर
पूसा कृषि विश्वविद्यालय के ये उत्पाद कोरोना संक्रमण से बचाव में साबित हो रहे कारगर

समस्तीपुर, [पूर्णेंदु कुमार] । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा ने एक ऐसा गुड़ विकसित किया है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। इसमें ईख अनुसंधान केंद्र की टीम ने तुलसी, गिलोय, अदरख और सहजन के पत्ते के मिश्रण का उपयोग किया है। जिससे इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटाश, फॉस्फोरश और कैल्शियम जैसे तत्वों का समावेश हो गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बाहरी संक्रमण को रोकने में रामबाण की तरह है। वैसे भी गुड़ पाचक और फेफड़ों के लिए हितकर है। यह थकान को भी कम करता है। गिलोय जहां एंटीबायोटिक का काम करता है वहीं सहजन शरीर को कई रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।

देसी नुस्खों का सहारा

संस्थान के निदेशक डॉक्टर एके सिंह का कहना है कि देश दुनिया के सामने कोरोना एक बडे संकट के रूप में खड़ा है। ऐसे में विलुप्त होते देसी नुस्खों को अपनाकर विश्वविद्यालय ने अमृत तैयार किया है। कुलपति डाॅ. आरसी श्रीवास्तव बताते हैं कि यहां औषधीय गुड़ तैयार किया गया है। इसके अलावा गन्ने का रस और मशरूम भी इम्युनिटी बढ़ाने वाला है।

कई गुणों से भरपूर है मशरूम

विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल में मशरूम के भी कई उत्पाद तैयार किया है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है। यह आमजनों के लिए सरल एवं आसान तरीके से उपलब्ध हो सकेगा। विश्वविद्यालय ने हीरेशियम एवं सीटाके नामक दो मशरूम की प्रजाति को विकसित किया है। वैज्ञानिक डॉ. दयाराम ने गुणवत्ता के संबंध में बताया कि सप्ताह में दो बार अगर मशरूम का सेवन किया जाए तो कई बीमारियां दूर भाग जाती हैं।

 यह मशरूम एंटीट्यूमर, एंटी कैंसर, दिल की बीमारी, गला एवं पहुंचा के कैंसर में भी लाभकारी होता है। हीरेशियम में एंटी टयूमर इमूनोमाइलेसन,कालेस्ट्रॉल नष्ट करने की क्षमता हाेती है। इसकी गुणवत्ता को देखते हुए उत्तरी अमेरिका व जापान सहित कई देशों में व्यावसायिक रूप से इसकी खेती की जाती है । विश्वविद्यालय के द्वारा विकसित मशरूम की मिठाई एवं नमकीन भी काफी गुणकारी है। यह इम्युनिटी बढ़ाने में काफी कारगर सिद्ध हो रहा है।

तकनीक का हो रहा प्रचार प्रसार

स्वादिष्ट एवं पौष्टिक गन्ने का रस भी विश्वविद्यालय के द्वारा तैयार किया गया है। इसकी बिक्री भी विश्वविद्यालय के द्वारा ही की जा रही है। ईख अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ डीएन कामत ने बताया है कि इसकी भी पैकिंग की जा रही है। इस तकनीक को विकसित कर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। गन्ने का रस बनाने से पूर्व गन्ने के उच्च प्रभेद का चुनाव किया जाता है ।इसके उपरांत इसमें और भी औषधीय पदार्थ मिलाकर इसे पौष्टिक बनाया जाता है। इतना ही नहीं, इसकी सफाई में वनस्पति रस शोधको का उपयोग किया जाता है । ईख अनुसंधान केंद्र के विज्ञानी डॉ डीएन कामत ने बताया है कि इसकी भी पैकेजिंग की जाती है। इस रस में औषधीय पुदीना को मिलाकर इसे पौष्टिक बनाया गया है। इसकी बिक्री पूसा विश्वविद्यालय के केंद्र से भी की जाती है।

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