मुजफ्फरपुर के ये हैमर थ्रोअर बढ़ती उम्र की चुनौती को मात देकर दिला रहे अंतरराष्ट्रीय पदक
60 साल की उम्र में भी हैमर थ्रो कर रहे मुशहरी प्रखंड के अंजनी रोजाना दो घंटा करते अभ्यास। वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स में देश को दिला चुके तीन पदक कनाडा में होने वाली प्रतियोगिता की कर रहे तैयारी। रहते हमेशा सकारात्मक।
मुजफ्फरपुर, [प्रमोद कुमार]। हौसला हो तो उम्र मायने नहीं रखती। यह साबित किया है हैमर थ्रोवर अंजनी कुमार ओझा ने। बढ़ती उम्र को चुनौती दे भारत को अंतरराष्ट्रीय पदक दिला रहे हैं। वे अब तक तीन अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं। अगले साल कनाडा में आयोजित मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता की तैयारी में लगे हैं। इसके लिए अपने फार्म हाउस पर रोजाना दो घंटे अभ्यास कर रहे हैं।
आरडीएस कॉलेज से छात्र के रूप में की शुरुआत
मुशहरी प्रखंड के खबड़ा गांव निवासी अंजनी कुमार ने अपने प्रदर्शन के बल पर मुजफ्फरपुर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। वे एक दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अपने खेल जीवन की शुरुआत वर्ष 1976 में आरडीएस कॉलेज से छात्र के रूप में की थी। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की प्रतियोगिता में उन्होंने हैमर थ्रो में 43.24 मीटर का जो रिकॉर्ड बनाया था, उसे आजतक विवि का कोई खिलाड़ी तोड़ नहीं सका है। 1976 से लेकर 2004 तक उन्होंने अंतर विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार बिहार विवि एवं राज्य का प्रतिनिधित्व किया। इसमें दो स्वर्ण, चार रजत एवं तीन कांस्य पदक जीत चुके हैं। वर्ष 2005 में बैंकाक में आयोजित वल्र्ड मास्टर्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2007 में मलेशिया में आयोजित एशियन टै्रक एंड फील्ड प्रतियोगिता में रजत पदक एवं 2010 में बेंगलुरु में आयोजित एशियन टै्रक एवं फील्ड प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत चुके हैं। जिला खेल पदाधिकारी कहते हैं कि हौसला हो तो उम्र मायने नहीं रखती। इसे अंजनी साबित कर रहे हैं। जिला क्रीड़ा परिषद के संयोजक अनिल कुमार सिन्हा कहते हैं कि वे जिले की पहचान हैं।
ये हैं उपलब्धियां
-वर्ष 2004 में इंफाल में आयोजित ऑल इंडिया मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक।
-वर्ष 2005 में बैंकाक में आयोजित एशिया मास्टर्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
-वर्ष 2006 में हैदराबाद में आयोजित ऑल इंडिया मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कांस्य पदक।
-वर्ष 2007 में मलेशिया में आयोजित एशियन टै्रक एंड फील्ड प्रतियोगिता में रजत पदक।
-वर्ष 2009 में मैड्रिड में आयोजित वल्र्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व।
-वर्ष 2010 में बेंगलुरु में आयोजित एशियन ट्रैक एवं फील्ड मास्टर्स मीट में कांस्य पदक।
-वर्ष 2013 में ब्राजील में आयोजित वल्र्ड मास्टर्स मीट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व।
-वर्ष 2014 में जापान में आयोजित एशियन टै्रक एवं फील्ड प्रतियोगिता में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व।