मैट्रिक परीक्षा में दृष्टिबाधित कोटे के नाम पर गड़बड़झाला, बोर्ड ने व्यक्त की आशंका

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आशंका है कि इतने ज्यादा दृष्टिबाधित छात्र नहीं हाेंगे। कई संस्थानों के छात्र- छात्राओं ने सामान्य श्रेणी में होने के बाद भी दृष्टिबाधित कोटि में परीक्षा फॉर्म भरा है। ऐसे में अब बोर्ड ने सभी जिलों के डीईओ से रिपोर्ट मांगी है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:52 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:52 AM (IST)
मैट्रिक परीक्षा में दृष्टिबाधित कोटे के नाम पर गड़बड़झाला, बोर्ड ने व्यक्त की आशंका
समस्तीपुर डीईओ ने संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को जांच कर रिपोर्ट देने का दिया निर्देश।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। मैट्रिक परीक्षा 2022 में सामान्य अभ्यर्थियों को भी दृष्टिबाधित श्रेणी में परीक्षा फॉर्म भरा दिया गया। जिले के 26 विद्यालयों के 63 छात्र-छात्राओं की इसमें सहभागिता हुई है। जिन्होंने दृष्टिबाधित कैटेगरी का चयन किया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आशंका है कि इतने ज्यादा दृष्टिबाधित छात्र नहीं हाेंगे। कई संस्थानों के छात्र- छात्राओं ने सामान्य श्रेणी में होने के बाद भी दृष्टिबाधित कोटि में परीक्षा फॉर्म भरा है। ऐसे में अब बोर्ड ने सभी जिलों के डीईओ को निर्देश जारी कर एचएम से इसका सत्यापन कराते हुए वास्तविक दृष्टिबाधित बच्चों की संख्या की रिपोर्ट मांगी है। डीईओ दृष्टिबाधित छात्रों की वास्तविक संख्या से बोर्ड को अपडेट करेंगे। साथ ही सभी एचएम से इस बात की जानकारी ली जाएगी कि कहीं किसी भी दृष्टिबाधित ने सामान्य कोटि में अपना परीक्षा फॉर्म तो नहीं भरा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने बताया कि संबंधित प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक को इसकी जानकारी दी जा रही है।

दृष्टि बाधित छात्र-छात्राओं को प्राविधान के अनुसार विज्ञान विषय के स्थान पर संगीत एवं गणित विषय के स्थान पर गृह विज्ञान की परीक्षा में सम्मिलित होना है। स्पष्ट किया गया है कि दृष्टिबाधित छात्र-छात्रा से तात्पर्य है कि वैसे छात्र-छात्रा जो दोनों आंखों से देखने में सक्षम नहीं है। ऐसे छात्रों के लिए समिति कार्यालय द्वारा जारी डमी पंजीयन कार्ड एवं डमी प्रवेश पत्र निर्गत करते हुए पूर्व में स्पष्ट रूप से कई बार निर्देशित किया गया था। इससे सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापक भली भांति अवगत भी थे।

सामान्य कोटि के एडमिट कार्ड पर दर्ज हो गए थे दृष्टिबाधित के विषय

वर्ष 2021 की परीक्षा में आवेदन पत्र भरने के क्रम में कई सामान्य कोटि के छात्र-छात्राओं ने दृष्टिबाधित कोटि का चयन कर लिया था। इस आधार पर उनके एडमिट कार्ड पर विज्ञान की जगह संगीत और गणित विषय के स्थान पर गृह विज्ञान दर्ज हो गया था। इससे छात्र - छात्राओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। वहीं, दृष्टिबाधित कैटेगरी के छात्रों ने भी सामान्य कोटि का चयन कर फॉर्म भरा था। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अऩुसार दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओं का अर्थ ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो दोनों ही आंख से देखने में सक्षम नहीं हैं। 

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