BRA Bihar university Muzaffarpur : अभाविप कार्यकर्ताओं और विवि पदाधिकारियों के बीच छह घंटे तक होता रहा हंगामा, जानिए फिर सीनेट की बैठक का क्या हुआ...
अखिल भारतीय विद्याथी परिषद सदस्यों के तीखे विरोध के कारण शनिवार को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की सीनेट की बैठक नहीं हो सकी। कार्यकर्ता उनके साथ बदसलूकी करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग कर रहे थे। छह घंटे तक हुए हंगामे के बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शनिवार को भारी हंगामे के कारण से सीनेट की बैठक नहीं हो सकी। करीब छह घंटे तक विवि के पदाधिकारी और इसके बाद पहुंचे एसडीओ समेत कई कॉलेज के प्राचार्यों ने भी बैठक शुरू कराने के लिए अभाविप के सदस्यों के साथ वार्ता की, लेकिन शाम तक कोई नतीजा नहीं निकल सका। इस पर कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय समेत विवि और जिला प्रशासन के पदाधिकारी बैरंग वापस लौट गए।
शनिवार सुबह नौ बजे के बाद से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता 44 सूत्री मांगों को लेकर सीनेट हॉल के बाहर बैठ गए थे। सभी हाथों में तख्ती लिए विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। बैठक साढ़े 11 बजे शुरू होनी थी। कुलपति समेत अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी करीब 11 बजे सीनेट हॉल परिसर पहुंचे। कुलपति के गाड़ी से उतरते ही उनके कुछ समर्थक हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं की ओर बढ़े और बिना बात किए ही उन्हें धक्का देकर कुलपति को लेकर भीतर ले जाने का प्रयास किया। अभाविप कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो काफी देर तक धक्का-मुक्की हुई। इस क्रम में कई कार्यकर्ता चोटिल भी हो गए।
पुलिस कर्मियों ने किसी तरह कुलपति समेत अन्य अधिकारियों को बचाकर पीछ से प्रवेश किया।
इसके बाद अभाविप कार्यकर्ताओं ने तीव्र आंदोलन शुरू कर दिया। वे कुलपति वापस जाओ का नारा लगाने लगे। साथ ही धक्का-मुक्की करने आए समर्थकों को बिचौलिया बताया।
दोपहर 12 बजे कुलपति सीनेट भवन के पीछे एक सभागार में सभी सदस्यों के साथ चले गए। इस बीच कुलसचिव, कुलानुशासक समेत कई अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से वार्ता कर बैठक को शुरू कराने का प्रयास किया। कार्यकर्ता उनके साथ दुव्र्यवहार करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग करने लगे। इसकी जानकारी मिलने पर एसडीओ डॉ.कुंदन कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी छात्रों को समझाया, लेकिन बात नहीं बनी।
करीब ढाई बजे फिर कुलपति और एसडीओ वार्ता के लिए पहुंचे। डेढ़ घंटे तक वे उनकी मांगों को लेकर अलग से समय देने और दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। कार्यकर्ताओं ने उसी समय कार्रवाई करने की मांग की। अधिकारी जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे थे। बात नहीं बनने पर कुलपति समेत अन्य अधिकारी लौट गए और बैठक को स्थगित करने की घोषणा कर दी गई। साथ ही अगली बैठक की अधिसूचना जारी करने की बात कही गई।
बैठक नहीं होने से विवि को लाखों का नुकसान :
सीनेट की बैठक स्थगित नहीं होने से विवि को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं, वित्तीय बजट समेत 62 महत्वपूर्ण एजेंडों को स्वीकृति नहीं मिल सकी। बताया गया कि बैठक को लेकर लंच पर करीब साढ़े चार लाख रुपये का बजट था। ऐसे में यदि फिर से बैठक होती है तो इसे दोहराना होगा। दूसरे जिलों से आए सीनेटरों को टीए-डीए का भी खर्च विवि को देना होगा।