World Population Day 2020: जनसंख्या के मामले में नॉर्वे देश से आगे निकला मुजफ्फरपुर जिला, जानिए
मुजफ्फरपुर जिले की वर्तमान जनसंख्या 61 लाख 63 हजार 153 पर पहुंच चुकी है। वहीं विकिपीडिया के मुताबिक नॉर्वे देश की जनसंख्या (2020) 53.7 लाख है। इस हिसाब से जिला नॉर्वे से आगे निकला
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिला स्वास्थ्य समिती अपनी योजनाओं को कार्यन्वित करने के लिए जो सर्वे कराई है उसके अनुसार जिले में जनसंख्या 61 लाख 63 हजार 153 पर पहुंच चुकी है। वहीं, विकिपीडिया के मुताबिक नॉर्वे देश की जनसंख्या (2020) 53.7 लाख है। इस हिसाब से जनसंख्या में मुजफ्फरपुर जिला नॉर्वे देश से आगे निकल गया है।
लड़कियों व महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा पर है खास जोर
जिले की बढ़ती जनसंख्या से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग का लड़कियों व महिलाओं के स्वस्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर खास जोर है। इस कड़ी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए चल रहे अभियान के साथ कोरोना के प्रति जागरूकता कार्य को भी जोड़ा गया है। जनसंख्या नियोजन में सहयोग कर रहे केयर इंडिया के जिला समन्यवक सौरभ तिवारी की मानें तो सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक आने वाली गर्भवती महिलाओं को जांच के साथ कोरोना से बचाव की जानकारी दी जा रही।
प्रत्येक बुधवार व शुक्रवार को आरोग्य दिवस पर परिवार नियोजन के साथ कोरोना से बचाव के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। इस काम में 80 कार्यकर्ताओं की टीम लगी है। अभियान में सहयोग कर रहे जपाईगो के जिला समन्यवक विजय विक्रम ने बताया कि कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन, छाया व माला ए टिकिया, कंडोम के प्रति जागरूक करने का अभियान संचालित है। आशा का उन्मुखीकरण कार्यक्रम लगातार जारी है। आशा शारीरिक दूरी का पालन, मास्क, सैनिटाइजर, साबुन आदि के उपयोग के संबंध में जानकारी दे रहीं। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर सप्ताह में दो दिन बचाव के साथ महिलाओं व लड़कियों को खान-पान के प्रति भी जागरूक किया जा रहा, ताकि उनमें रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो सके।
जनसंख्या नियोजन को नहीं हो पा रहे ये काम
जिले की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 2.8 फीसद से बढ़कर 3.5 हो चुकी है। जिले की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 48 लाख एक हजार 64 थी, जो कि जून 2020 में बढ़कर 61 लाख 63 हजार 153 पर पहुंच चुकी है। जिले में बंध्याकरण व नसबंदी का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूरा नहीं हो रहा है। गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गोलियों के वितरण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है।
गर्भवती के निबंधन का हाल
पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के निबंधन का लक्ष्य इस साल 1 लाख 59 हजार 412 था। लेकिन जांच 93 हजार 156 तक सिमट कर रह गई। संस्थागत प्रसव 79 हजार 932 ही हो पाया, जो लक्ष्य का 50 प्रतिशत ही है। संस्थागत प्रसव नहीं होने से गर्भनिरोधी उपाय से महिलाएं वंचित हो रहीं। यह भी जनसंख्या वृद्धि के कारणों में एक है।
जनसंख्या का प्रखंडवार यह हाल प्रखंड --- जनसंख्या
औराई--------3,82,827
बंदरा-------1,76,441
बोचहां------3,03,754
गायघाट-----3,34,043
कांटी---------3,50,717
कटरा-----3,14,863
कुढ़नी------5,67,104
मडवन-------2,04,342
मीनापुर-----4,26,637
मोतीपुर------5,03,345
मुरौल------1,22,832
मुशहरी------4,11,862
पारू--------4,51,648
साहेबग्ज-----3,01,222
सकरा-------3,99,420
सरैया--------4,09,516
नगर निगम-----5,02,581
बता दें कि जनसंख्या का सर्वे जिला स्वस्थ्य समिति की ओर से योजनाओें के संचालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या वृद्धि के हिसाब से किया गया है।
परिवार नियोजन से दंपती खुशहाल
जिला आशा समन्वयक राजकिरण व उनकी पत्नी रानी कुमारी परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूक हैं। शादी को पांच साल हो गए। एक बेटी है। दंपती परिवार नियोजन का साधन अपनाकर खुश हैं। ये आम लोगों से अपील करते हैं कि अगर जीवन को खुशहाल रखना है तो जनसंख्या पर नियंत्रण रखें।
मानसिकता बदलने की जरूरत
समाजशास्त्री डॉ. रामजन्म ठाकुर कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम कागज पर ही ज्यादा चल रहा है। आम धारणा है कि संतान का आना प्रभु की कृपा है। इस मानसिकता को बदलना चाहिए। प्राकृतिक संसाधनों और जनसंख्या के बीच का संतुलन बनाए रखने के लिए जनसंख्या नियोजन को जरूरी है।
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि 'जनसंख्या नियंत्रण के लिए हर स्तर पर पहल हो रही है। लड़कियों और महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर भी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में जागरूकता तेज की जाएगी।'