पश्चिम चंपारण में गन्ने के खेत से निकला बाघ, दो घंटे बाद पहुंचे वनकर्मियों को ग्रामीणों ने खदेड़ा
West Champaran गौनाहा प्रखंड के बैरिया डीह सरेह में बाघ ने डाला डेरा रेस्क्यू करने के लिए पहुंची वनकर्मियों की टीम ग्रामीणों ने कहा लाठी- डंडा लेकर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद हैं। बाघ का रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग को सूचित किया गया था।
पश्चिम चंपारण, जासं। गौनाहा प्रखंड के बैरियाडीह सरेह में गुरुवार की सुबह में नीलगाय का पीछा करते एक बाघ को खेत में कम कर रहे मजदूरों ने देखा। उसके बाद से भगदड़ मच गई। हालांकि बाघ नीलगाय का शिकार नहीं कर पाया और फिर गन्ने के खेत में आकर घुस गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वनविभाग को दी। करीब दो घंटे बाद चार वनकर्मी लाठी - डंडा लेकर मौके पर पहुंचे। उसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया। ग्रामीणों ने कहा लाठी- डंडा लेकर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद हैं। बाघ का रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग को सूचित किया गया था। बाघ को पकडऩे के लिए पिंजरा और ट्रैंक्यूलाइजर गन लेकर आइए। ग्रामीणों का गुस्सा देख चुपचाप चारों वनकर्मी चले गए। हालांकि दोपहर बाद सैकड़ों वनकर्मी व रेस्क्यू के लिए पिंजरा लेकर पहुंचे हैं।
पिपरिया गांव निवासी अरविंद चौरसिया व रवींद्र चौरसिया के गन्ने के खेत में बाघ के छुपे होने की संभावना है। रेस्क्यू टीम ने गन्ने के खेत को घेर लिया है। क्षेत्र निदेशक एचके राय ने बताया कि बाघ के गन्ने के खेत में होने की सूचना मिली है। वनकर्मियों की टीम को बाघ को जंगल की मोडऩे के लिए भेजा गया है। ग्रामीणों से सहयोग की अपील की जा रही है। बता दें कि पिछले एक माह से बैरटवा से लेकर बैरिया डीह सरेह में बाघ की चहलकदमी है। इस वजह से भितिहरवा, श्रीरामपुर, बैरटवा, पिपरिया, बैरिया डीह , शेरवा,मंडीहा आदि गांवों में दहशत है। चीनी मिल का पेराई सत्र बंद होने के कागार पर है। बाघ की वजह से गन्ने की छिलाई बाधित है। किसान गन्ने की आपूर्ति को लेकर चिंतित हैं।