मुजफ्फरपुर में तालाब बने शहर के गली-मुहल्ले, लोगों का जीना हुआ मुहाल
अमरूद बागान केदारनाथ रोड रज्जू साह लेन दास कालोनी विश्वविद्यालय प्रेस लेन ब्रह्मपुरा रेलवे कालोनी माड़ीपुर स्कूल रोड रामराजी रोड गोला बांध रोड समेत शहर के तीन दर्जन से अधिक गली-मुहल्लों में जमा बारिश का पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। लगातार हो रही बारिश के कारण जलजमाव से शहरवासियों को राहत नहीं मिली है। मुख्य सड़क से लेकर गली-मुहल्लों में जलजमाव बरकरार है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण अधिकांश मुहल्ले तालाब बने हुए हैं। इन मुहल्लों में रहने वालों का जीना दूभर हो गया है। महिलाएं एवं बच्चे घरों में कैद हैं। पुरुष सदस्य किसी तरह निकल रहे हैं। वहीं अधिकांश परिवारों को जलजमाव के साथ-साथ महामारी की चिंता सता रही है। एक महीना से अधिक समय से जमा पानी बीमारियों को आमंत्रण दे रहा है। प्रभावित लोगों में शासन-प्रशासन के खिलाफ गहरी नाराजगी देखी जा रही है।
स्टेशन रोड, मोतीझील, पीएनटी चौक, राम बाग रोड, पक्की सराय रोड, बेला रोड, आम गोला रोड, कालीबाड़ी रोड, अधोरियाबाजार राज समेत शहर के कई प्रमुख सड़कों पर जमा पानी पूरी तरह से नहीं निकल पाया है। वहीं अमरूद बागान, केदारनाथ रोड, रज्जू साह लेन, दास कालोनी, विश्वविद्यालय प्रेस लेन, ब्रह्मपुरा रेलवे कालोनी, माड़ीपुर स्कूल रोड, रामराजी रोड, गोला बांध रोड समेत शहर के तीन दर्जन से अधिक गली-मुहल्लों में जमा बारिश का पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा है। मुहल्लावासी त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन उनकी परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है। नगर निगम के पास भी उनको इस पीड़ा से मुक्ति दिलाने का कोई उपाय नहीं है। कारण नालों से होकर पानी अब नहीं निकल रहा है।
चक्कर मैदान को जलजमाव से मुक्त करने के लिए बनेगी बड़ी योजना
मुजफ्फरपुर : सेना के लिए महत्वपूर्ण चक्कर मैदान एवं इसके आसपास के क्षेत्र में लगातार जलजमाव की समस्या को लेकर प्रमंंडलीय आयुक्त मिहिर कुमार सिंह ने मंगलवार को बैठक की। डीएम प्रणव कुमार, नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय, सेना के पदाधिकारी के साथ उन्होंने जलजमाव की समस्या के स्थाई निदान को लेकर विमर्श किया। उन्होंने चक्कर मैदान के चारों ओर टूटी सड़क के निर्माण और ड्रेनेज सिस्टम बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने योजना तैयार करने से पहले नगर आयुक्त और कर्नल को निरीक्षण करने को भी कहा। इस क्षेत्र में अन्य सुविधाओं को लेकर भी चर्चा हुई। फिलहाल जल निकासी को प्राथमिकता में रखते हुए कार्य करने को कहा गया। इसके बाद दूसरी योजना पर काम होगा।
गोबरसही की जमीन छोड़ने को सेना तैयार अगर दूसरी जगह उसी मूल्य की उपलब्ध हो
सेना की गोबरसही में जाट रेजीमेंट की जमीन पर भी बैठक में चर्चा हुई। इसपर सेना की ओर से कहा गया कि उक्त जमीन के बदले उसी मूल्य की भूमि उपलब्ध कराई जाए। इस स्थिति में वे गोबरसही की जमीन को छोड़ देंगे। रेलवे गुमटी नंबर चार व पांच के बीच भी सेना की जमीन है। इसके लिए आयुक्त ने रेलवे के अधिकारियों से समन्वय कर निदान करने को कहा।