Navaruna murder case : दसवीं बार डेडलाइन बढ़ाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

Navaruna murder case सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी व न्यायमूर्ति संजय खन्ना की तीन सदस्यीय खंडपीठ में होगी सुनवाई

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 11:23 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 11:23 AM (IST)
Navaruna murder case : दसवीं बार डेडलाइन बढ़ाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
Navaruna murder case : दसवीं बार डेडलाइन बढ़ाने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरुणा मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआइ को तीन महीने की नई डेडलाइन की अर्जी पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह सुनवाई न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी व न्यायमूर्ति संजय खन्ना की तीन सदस्यीय खंडपीठ में होगी। जांच की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर सीबीआइ की ओर से मार्च में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। लॉकडाउन से इस पर सुनवाई रुकी हुई थी। दसवीं बार सीबीआइ जांच की अवधि विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। इस अर्जी के साथ सीबीआइ ने कोर्ट के समक्ष सीलबंद लिफाफा में प्रगति प्रतिवेदन भी दाखिल किया था।

साक्ष्यों के विश्लेषण व फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिलने की दी दलील

सीबीआइ की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि जांच के लिए पिछले तीन माह में नए साक्ष्य मिले हैं। इन साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है। इसी तरह हड्डी व कपड़े फॉरेंसिक जांच के लिए मध्यप्रदेश के सागर स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में भेजे गए हैं। यह हड्डी व कपड़े नवरुणा के अपहरण के ढाई माह बाद 26 नवंबर 2012 को उसके घर के निकट नाला की सफाई के दौरान मिले थे। वहां से इसकी रिपोर्ट नहीं मिली है।

साक्ष्यों के जुड़ाव की भी जांच

मामले के अनुसंधानकर्ता ने खुद वहां जाकर संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि मार्च के पहले सप्ताह में जांच पूरी कर ली जाएगी। अर्जी में कहा गया है कि इस जांच रिपोर्ट से कई बायोलॉजिकल या साइंसटिफिक साक्ष्यों के जुड़ाव की भी जांच की जानी है।

अपहरण व नाला में लाश रखने के बिंदुओं पर सीबीआइ कर रही जांच

नवरुणा के अपहरण से लेकर उसके घर के सामने नाला में लाश रखने के बिंदुओं पर सीबीआइ जांच कर रही है। संदिग्धों की भूमिका पर भी सीबीआइ की नजर है। इसको लेकर संदिग्धों के विरुद्ध ठोस परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले हैं।

12 लोगों का हो चुका पॉलीग्राफी टेस्ट

सीबीआइ ने अपनी अर्जी में कहा है कि जांच के क्रम में 12 संदिग्ध लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया गया। चार संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग, दो की नार्को व एक की लेयर्ड वायस एनालाइसिस जांच कराई गई है। साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए 332 लोगों से पूछताछ की गई थी। सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इसके विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने से जमानत मिल गई।

10 मार्च को पूरी हो गई थी नौवीं डेडलाइन

जांच पूरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली तीन महीने की नौवीं डेडलाइन 10 मार्च को पूरी हो गई। यह डेडलाइन 10 दिसंबर की सीबीआइ की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने दी थी।

सुराग देने वालों को दस लाख इनाम देने की घोषणा

पिछले साल छह नवंबर को सीबीआइ ने इस मामले में सुराग देने वाले वाले को दस लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। इसको लेकर सीबीआइ की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर चस्पा किए गए थे।

यह है मामला

18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना के जवाहरलाल रोड स्थित अपने आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। ढाई माह बाद 26 नवंबर 2012 को उसके घर के निकट नाला की सफाई के दौरान मानव कंकाल मिला था। डीएनए टेस्ट में यह नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में इसकी जांच पुलिस ने तथा बाद में सीआइडी ने की। जब नतीजा कुछ नहीं निकला तो सीबीआइ को जांच सौंपी गई। 14 फरवरी 2014 से सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है।  

chat bot
आपका साथी