नहीं मिले चिकित्सक तो खुद ऑक्सीजन लगाकर मरीज ने बचाई जान, मुजफ्फरपुर के SKMCH का मामला, जानिए

एसकेएमसीएच में इलाज को आए मरीज को उठानी पड़ी परेशानी जिलाधिकारी ने अधीक्षक से मांगी व्यवस्था पर पूरी रिपोर्ट। जानिए पूरा मामला

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 09:46 PM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 09:46 PM (IST)
नहीं मिले चिकित्सक तो खुद ऑक्सीजन लगाकर मरीज ने बचाई जान, मुजफ्फरपुर के SKMCH का मामला, जानिए
नहीं मिले चिकित्सक तो खुद ऑक्सीजन लगाकर मरीज ने बचाई जान, मुजफ्फरपुर के SKMCH का मामला, जानिए

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच में गुरुवार को इलाज के लिए पहुंचे सांस के मरीज को करीब चार घंटे तक इधर-उधर धक्का खाना पड़ा। इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक चक्कर लगाने के बाद मरीज की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो स्वजन मेनका कुमारी ने अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही से मिलकर शिकायत की। अधीक्षक की पहल पर मरीज को वार्ड में भर्ती कर लिया गया। इस बीच सांस की परेशानी बढऩे पर मरीज ने खुद नाक में ऑक्सीजन लगाकर अपनी जान बचाई।

 एक बजे से लेकर शाम पांच बजे तक मरीज को देखने के लिए कोई नहीं आया। शाम पांच बजे के बाद चिकित्सक आए तथा ऑक्सीजन लेबल की जांच की। स्वजन ने बताया कि अघोरिया बाजार से संजय वर्मा को लेकर सुबह निजी क्लीनिक में गए। वहां पर चिकित्सक ने एसकेएमसीएच जाकर जांच कराने का सुझाव दिया। एसकेएमसीएच आने के बाद वार्ड एक से 14 तक का चक्कर लगाकर हालत खराब होने लगी तब जाकर जांच हुई। विशेषज्ञ चिकित्सक शैलेंद्र कुमार ने वार्ड में आकर इलाज शुरू किया। 

जिलाधिकारी हुए गंभीर, मांगी रिपोर्ट 

इस मामले की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी डॉ.चंदशेखर सिंह ने कहा कि मरीज जब अस्पताल आए तो उसका इलाज होना चाहिए। कोविड की जांच और वहां पर खुले नए वार्ड के काम की वह खुद समीक्षा करेंगे। रोस्टर व पूरी व्यवस्था पर अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद अगली कार्रवाई होगी। हर वार्ड में कर्मी व इलाज करने वाले चिकित्सक का रोस्टर और मोबाइल नंबर रहना चाहिए ताकि अगर मरीज को परेशानी हो तो उनके स्वजन संपर्क कर सके। वहां के प्रबंधक का मरीजों के प्रति बेहतर व्यवहार होना चाहिए।

इधर, एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि मरीज पहले अपने घर पर इलाज कराकर आया था। यहां आने के बाद उसका इलाज शुरू हो गया। उचित जांच हुई है। इलाज में परेशानी संबंधी स्वजन का आरोप गलत है। इस मामले में प्रबंधक से रिपोर्ट मांगी है। 

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