Samastipur: रोसड़ा में पीएम आवास योजना की गति धीमी, छह वर्षों में डेढ़ प्रतिशत लाभार्थियों का भी नहीं बन सका आवास

समस्तीपुर जिले के रोसड़ा नप में पीएम आवास योजना की गति कछुए से भी कम स्वीकृत हुए 2214 में अब तक महज 30 आवास का हुआ है निर्माण किस्त की राशि निर्गत करने में बेवजह विलंब का आरोप

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:17 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:17 PM (IST)
Samastipur: रोसड़ा में पीएम आवास योजना की गति धीमी, छह वर्षों में डेढ़ प्रतिशत लाभार्थियों का भी नहीं बन सका आवास
समस्‍तीपुर के रोसड़़ा में पीएम आवास की रफ्तार धीमी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर [रोसड़ा] ,जासं। रोसड़ा नगर परिषद में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उसमें भी शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिए चलाए गए प्रधानमंत्री आवास योजना का हाल तो और भी बेहाल है। स्थिति पर नजर डालें तो छह वर्षों में महज डेढ़ प्रतिशत भी आवास का निर्माण नहीं हो सका है। सरकार द्वारा रोसड़ा नगर पंचायत के 2214 गरीबों के लिए आवास की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2015-16 में देते हुए राशि भी विमुक्त कर दिया था। लेकिन नप प्रशासन की उदासीनता के कारण इस योजना की गति कछुए से भी धीमी रही है। लाभार्थियों की मानें तो किस्त की राशि देने में नगर पंचायत द्वारा बेवजह विलंब करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। कई लाभार्थियों ने वर्षों से किराए के मकान में रहना या खुले आसमान के नीचे प्लास्टिक लटका कर जीवन यापन करने की बात कही है।

वार्ड नंबर 15 के विनोद शाह ने नगर पंचायत की मनमानी के कारण निर्माण में विलंब होना बताया है। वही बेटी मुस्कान ने आवास निर्माण की आस लिए अपनी मां किरण देवी को स्वर्ग सिधारने की जानकारी दी है। वार्ड नंबर 6 के सुल्तान मियां ने भी नप की मनमानी पर आक्रोश जताया है ङ्क्षलटर लेवल तक काम करने के बाद भी भुगतान नहीं होने के कारण आवास निर्माण अधर में लटके रहने की जानकारी दी है। इसके अलावा अन्य कई लाभार्थियों ने किस्त की राशि के लिए कई कई महीनों तक कार्यालय का चक्कर लगाने की बात कही है। कार्यालय सूत्रों की मानें तो आज भी 5 करोड़ की राशि आवास योजना मद में पड़ी है। लाभार्थियों को राशि नहीं मिलने के कारण निर्माण का कार्य अधर में लटका है।

जानकारी के अनुसार लाभार्थी द्वारा आवास निर्माण के लिए स्वयं खुदाई करने के पश्चात प्रथम किश्त के रूप में 50 हजार रुपये विमुक्त किया जाता है। पुन: द्वितीय किस्त में एक लाख, तृतीय किस्त में 20 हजार और चतुर्थ किस्त में 30 हजार की राशि दी जाती है। नगर पंचायत द्वारा लाभार्थियों को नोटिस मिलते ही आनन-फानन में गरीब अपना झोपड़ी तोड़ गडढ़ा तो बना लेते हैं। लेकिन महीनों तक जांच के नाम पर नप द्वारा प्रथम किस्त का भुगतान नहीं करने के कारण पूरे परिवार के समक्ष रहने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यही हाल अन्य किस्तों के भुगतान की भी बताई जा रही है। दूसरी ओर किस्त के भुगतान में कई बार लेन-देन का मामला गर्माया है। लाभार्थियों की शिकायत पर कई पार्षदों ने भी इसे जोर शोर से बोर्ड की बैठक में उठाया है। बैठक के माध्यम से जांचोपरांत कार्रवाई का भी आदेश पारित किया गया था, जो आज तक अधर में ही लटका है। चार चरणों में रोसड़ा नप को आवास की स्वीकृति के साथ राशि भी विमुक्त किया गया था। सरकार के स्तर पर जल्द से जल्द आवास निर्माण का निर्देश भी दिया जा रहा है। लेकिन वर्तमान स्थिति में यदि सुधार नहीं हुआ तो केवल 2214 घर के निर्माण में ही कई दशक लग सकते हैं और आवास के लिए आस लगाए बाकी के गरीबों का तो ऊपर वाले ही मालिक है।

कहते हैं मुख्य पार्षद

आवास योजना में करोड़ों रुपया उपलब्ध रहने के बावजूद लाभार्थियों को किस्त की राशि समय पर नहीं दी जा रही है। कार्यपालक पदाधिकारी की उदासीनता और मनमानी रवैया के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति बदतर है। जांचोपरांत दोषी को चिन्हित कर उसके विरुद्ध कार्रवाई आवश्यक है।- श्याम बाबू सिंह, मुख्य पार्षद , नप रोसड़ा

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