21वीं सदी की जरूरतों को देखकर तैयार की गई नई शिक्षा नीति की रूपरेखा : डा.सीपी ठाकुर

21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की रूपरेखा तैयार की गई है। देश के चहुंमुखी विकास में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 03:30 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 03:30 AM (IST)
21वीं सदी की जरूरतों को देखकर तैयार की गई नई शिक्षा नीति की रूपरेखा : डा.सीपी ठाकुर
21वीं सदी की जरूरतों को देखकर तैयार की गई नई शिक्षा नीति की रूपरेखा : डा.सीपी ठाकुर

मुजफ्फरपुर। 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की रूपरेखा तैयार की गई है। देश के चहुंमुखी विकास में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नई शिक्षा नीति युवाओं के लिए बेहतर शैक्षिक माहौल तैयार करेगा। सबको शिक्षा, सस्ती शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मजबूत अर्थव्यवस्था प्रदान करने वाली शिक्षा आज समय की दरकार है। ये बातें बतौर मुख्य वक्ता पद्मश्री डा.सीपी ठाकुर ने सीनेट हाल में रविवार को अतिथि प्राध्यापक संघ की ओर से आयोजित नई शिक्षा नीति परिचर्चा सह सम्मान समारोह में कहीं। कहा कि अतिथि प्राध्यापक के आने से बिहार में शिक्षा की दशा में सुधार हुआ है। उनके नियमितीकरण एवं स्थायी सेवा के लिए सरकार को सोचना चाहिए। विशिष्ट वक्ता भाजपा किसान मोर्चा गुजरात के सह प्रभारी दीपक ठाकुर ने कहा कि बिहार में अतिथि प्राध्यापक शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं। उनकी सेवा स्थायीकरण के लिए सरकार से वार्ता की जाएगी। पूर्व कुलपति डा.रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि अतिथि प्राध्यापक की सेवा नियमितीकरण के लिए कुलपति स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अतिथि प्राध्यापकों की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा.संजय पासवान ने कहा कि अतिथि शिक्षक कालेजों में इस प्रकार का माहौल तैयार करें कि सरकार उन्हें नियमित करने के लिए मजबूर हो जाए। इसके लिए ईमानदारी पूर्वक प्रयास करना होगा। कड़ी मेहनत और पक्के इरादे के साथ अतिथि प्राध्यापक अध्यापन कार्य करें ताकि समाज में गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक माहौल बन सके। पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्र-छात्राओं को तकनीकी रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाएगा। एलएस कालेज के प्राचार्य डा.ओपी राय ने कहा कि कालेजों में वर्तमान में कक्षाओं के संचालन की जो हालत है वह किसी से छिपी नहीं है। हम शिक्षकों को आत्मचितन करने की जरूरत है कि छात्र-छात्राएं कक्षाओं तक कैसे पहुंचेंगे। अध्यक्षता कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने की। उन्होंने कहा कि अतिथि प्राध्यापक के आने से कालेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल तैयार हुआ है। उनकी बेहतरी के लिए राजभवन और सरकार से बात की जाएगी। बेहतर कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम को प्रति कुलपति डा.रवींद्र कुमार, प्राचार्य डा.ओपी राय, अमिय भूषण, प्राक्टर प्रो.अजीत कुमार, सीसीडीसी डा.अमिता शर्मा, कुलसचिव डा.आरके ठाकुर, कालेज निरीक्षक डा.प्रमोद कुमार, परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार, ओएसडी डा.पंकज कुमार आदि ने संबोधित किया। अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डा.ललित किशोर ने पिछले एक वर्ष में अतिथि प्राध्यापकों की उपलब्धियां गिनाईं। स्वागत भाषण महासचिव डा.राघव मणि ने किया, विषय प्रवेश डा.मणि भूषण कुमार व धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष डा.बिरजू कुमार सिंह ने किया। मंच संचालन डा.अफरोज ने किया। मौके पर चार सौ से अधिक अतिथि शिक्षक और शिक्षाविद् मौजूद थे।

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