देशव्यापी अभियान का रूप ले रहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मिशन साहसी

ABVP कोराना संक्रमण काल में जरूरतमंदों के बीच बांटे 50 हजार मास्क। मुजफ्फरपुर से पीएम केयर्स फंड में जमा कराए गए 12 लाख रुपये।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 02:36 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 02:36 PM (IST)
देशव्यापी अभियान का रूप ले रहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मिशन साहसी
देशव्यापी अभियान का रूप ले रहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मिशन साहसी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्वाधीनता के पश्चात भारत की गौरवशाली परंपरा को परिस्थितिजन्य दोषों से मुक्त करने के सपने को साकार करने के लिए कुछ युवाओं ने महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय परिसरों में गतिविधियां प्रारंभ की। इस तरह नौ जुलाई 1949 को एक छात्र संगठन के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) पंजीकृत हुआ। हाल के वर्षों में अभाविप में छात्राओं एवं युवतियों को आत्मरक्षा का गुर सिखाने के लिए शुरू हुआ 'मिशन साहसी' अब देशव्यापी अभियान का रूप ले रहा है।

50 हजार मास्क जरूरतमंद लोगों में बांटे

अभाविप की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.ममता कुमारी कहती हैं कि कोरोना संकट की मौजूदा परिस्थिति में बिहार में कार्यकर्ताओं ने लगभग 50 हजार मास्क जरूरतमंद लोगों में बांटे हैं। छात्रा कार्यकर्ताओं ने मास्क की सिलाई घर पर की। वहीं सूबे में कार्यकर्ताओं द्वारा 155 यूनिट रक्तदान किया गया है। मुजफ्फरपुर से 12 लाख रुपये पीएम केयर्स फंड में जमा कराए गए हैं।

पूरी दुनिया अभाविप की कार्यशैली से प्रभावित

विवि संयोजक केशरीनंदन वर्मा का कहना है कि अभाविप ने वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को व्यावहारिक रूप देते हुए वल्र्ड ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टूडेंट एंड यूथ की स्थापना वर्ष 1980 में की जिसके कारण पूरे विश्व में भारत के प्रति देखने का एक स्पष्ट सकारात्मक नजरिया बना है। विद्यार्थी परिषद की कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर दुनिया भर के बहुत सारे छात्र संगठनों ने अभाविप से उसकी कार्यपद्धति को सिखाने का आग्रह किया है।

कोविड-19 में एबीवीपी का सेवा कार्य अतुलनीय

जिला संयोजक चंद्रभानु सिंह कहते हैं कि कोविड-19 में एबीवीपी का सेवा कार्य अतुलनीय है। शहरी से लेकर सुदूर क्षेत्रों तक लाखों लोगों की मदद करके विद्यार्थी परिषद ने इस महामारी में महत्वपूर्ण काम किया है।

बदली पूर्वोत्तर भारत की तस्वीर

सक्रिय कार्यकर्ता सुप्रिया कुमारी कहती हैं कि इंटर स्टेट लिङ्क्षवग एक्सपीरियंस प्रयोग के माध्यम से राष्ट्रीय एकात्मता को सु²ढ़ करने का कार्य विद्यार्थी परिषद दशकों से करता आ रहा है। इस कारण पूर्वोत्तर भारत में देश विरोधी गतिविधियां लगभग खत्म होने की कगार पर हैं तथा पूर्वोत्तर भारत मुख्यधारा से जुड़ कर कदमताल करता हुआ दिखाई दे रहा है।

छात्र हितों की रक्षा को ऑनलाइन आंदोलन

अभाविप की एक अन्य सक्रिय कार्यकर्ता रोमिता श्रीवास्तव बताती हैं कि कोरोना महामारी के कारण जब सड़क पर निकल का प्रदर्शन नहीं कर सकते तो छात्रों की विभिन्न मांगों समस्याओं तथा एसटीईटी परीक्षा रद होने के विरुद्ध ऑनलाइन माध्यम से आंदोलन शुरू किया गया। शैक्षणिक पैकेज की मांग की गई है। कई स्कूल संचालकों तथा लॉज मालिकों ने अभाविप के आग्रह पर छात्रों को किराए तथा फीस में छूट दी है। वहीं अभाविप सदस्य राहुल कुमार कहते हैं कि देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मदारियों को समझते हुए नीचे तबके के बच्चो के बीच सप्ताह में चार दिन पठन-पाठन का कार्य किया है।  

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