साहित्य व छात्रों के प्रति समर्पित रहा साहित्यकार गोपाल राय का जीवन

प्रसिद्ध साहित्यकार व आलोचक डॉ.गोपाल राय का जीवन छात्र और साहित्य के लिए समर्पित रहा। अपने जीवन के अंतिम क्षण तक साहित्य की सेवा की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 02:10 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 06:13 AM (IST)
साहित्य व छात्रों के प्रति समर्पित रहा साहित्यकार गोपाल राय का जीवन
साहित्य व छात्रों के प्रति समर्पित रहा साहित्यकार गोपाल राय का जीवन

मुजफ्फरपुर। प्रसिद्ध साहित्यकार व आलोचक डॉ.गोपाल राय का जीवन छात्र और साहित्य के लिए समर्पित रहा। अपने जीवन के अंतिम क्षण तक साहित्य की सेवा की। उनके योगदान पर चर्चा के लिए बीआए बिहार विश्वविद्यालय हिदी विभाग की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में देश के कई नामचीन साहित्यकार व आलोचक शामिल होंगे। बुधवार को हिदी विभाग में आयोजन को लेकर तैयारी बैठक हुई। हिदी विभागाध्यक्ष डॉ.पूनम सिन्हा ने बताया कि 22 नवंबर को डॉ.गोपाल राय व हिदी कथालोचना विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. गोपाल राय वरिष्ठ आलोचकों में रहे। छात्रों को जितने मनोयोग से पढ़ाते थे, उतनी ही रुचि लेखन में थी। गोदान, रंगभूमि, शेखर एक जीवनी, मैला आचल, दिव्य महाभोज आदि श्रेष्ठ उपन्यासों पर आलोचनात्मक पुस्तकें लिखीं। हिंदी कहानी और उपन्यास के व्यापक फलक को अपनी समीक्षा दृष्टि से समृद्ध किया है। हिदी कहानी का इतिहास, हिंदी उपन्यास का इतिहास सहित काव्य का प्रकाशन किया। मौके पर आयोजन सचिव डॉ.त्रिविक्रम नारायण सिंह, समन्वयक डॉ.कल्याण कुमार झा, डॉ.वीरेंद्रनाथ मिश्र, डॉ.राजेश रंजन, डॉ.उज्ज्वल आलोक, डॉ.सुशांत कुमार, डॉ.संध्या पांडेय मौजूद रहीं।

संगोष्ठी में इनकी होगी भागीदारी

संगोष्ठी में पदमश्री उषा किरण खान, अंतरराष्ट्रीय हिदी शिक्षण विभाग केंद्रीय हिदी संस्थान आगरा के विभागाध्यक्ष उमापति दीक्षित, डॉ.सत्यकाम, विधान पार्षद प्रो.रामवचन राय, साहित्यकार भगवान दास मोरवाल, प्रो.जंगबहादुर पांडेय, डॉ.अभिताभ राय मुख्य रूप से शिरकत करेंगे। इनके साथ बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से जुड़े विभिन्न कॉलेज के प्राचार्य व हिदी विभागाध्यक्ष अपनी बात रखेंगे। विभागाध्यक्ष डॉ.सिन्हा ने बताया कि आयोजन में विश्वविद्यालय हिदी विभाग के साथ केंद्रीय हिदी संस्थान आगरा, रामदयालु सिंह कॉलेज, देवचंद्र कॉलेज हाजीपुर, राजनारायण कॉलेज हाजीपुर, एसएनएस कॉलेज हाजीपुर, राजकमल प्रकाशन, भारतीय स्टेट बैंक व पंजाब नेशनल बैंक का सहयोग मिल रहा है।

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