गरीब-लाचार की आंख निकाल रहा अस्पताल, तमाशा देख रही सरकार, मुजफ्फरपुर में पप्पू यादव ने कही बड़ी बात
जनाधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल पहुंचकर पूरी घटना पर जताया आक्रोशआंख निकालने के मामले की हो सीबीआइ जांच उच्च न्यायालय के जज के नेतृत्व में बने जांच टीम जिनकी आंख खराब हुई दो-दो लाख का मुआवजा दे सरकार
मुजफ्फरपुर, {अमरेंद्र तिवारी}। जनाधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद राजेश रंजन पप्पू यादव मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल पहुंचे। पूरी घटना पर आक्रोश जताते हुए सीबीआइ जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के जज की देखरेख में जांच होनी चाहिए। वहीं, जिस गरीब की आंख खराब हुई उसे सरकार तत्काल दो लाख रुपये मुआवजा उपलब्ध कराए। पूर्व सांसद ने निजी कोष से दो मरीजों को पांच-पांच हजार की राशि दी।
सिस्टम पर उठाया सवाल
पूरे सिस्टम पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि गरीब-लाचार लोगों का मोतियाबिंंद आपरेशन मुफ्त कराने के नाम पर उनकी आंख खराब कर दी गई। इसके लिए कौन जवाबदेह है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले बिहार सरकार के मुख्य सचिव व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव हैं, फिर भी यहां मरीजों के इलाज व्यवस्था की निगरानी नहीं हो रही है। नर्सिंग होम मानक के अनुरूप चल रहे हैैं कि नहीं अब देखने वाला कोई नहीं है। सदर अस्पताल में बेहतर इलाज व्यवस्था नहीं है। दोनों अधिकारी अपनी मातृभूमि पर थोड़ी नजर डालें तो गरीबों का बड़ा कल्याण हो जाएगा। मौके पर जाप नेता पूर्व विधायक रामानंद यादव, प्रदेश महासचिव रानू शंकर, जिलाध्यक्ष प्रमोद राय, सवर्ण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू ओझा, रजनीश कुमार आदि थे।
ये रखीं मांगें
- मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल पर दर्ज हो प्राथमिकी, दोषी को स्पीडी ट्रायल कराकर मिले सजा
जितने की गई आंख उनको मिले दो-दो लाख रुपये मुआवजा, 22 नवंबर से अब तक जितने का हुआ आपरेशन सबकी हो पड़ताल
- निजी नर्सिंग होम की नियमित जांच करे टीम, निबंधन की शर्त का पालन नहीं होने पर मेडिकल अधिनियम के तहत हो सख्त कार्रवाई
मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल पर प्राथमिकी को दिया आवेदन
मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाबिंद आपरेशन में लापरवाही के आरोप में अस्पताल प्रबंधन पर ब्रह्मïपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया है। सीसएस व एसीएमओ की ओर से दिए गए आवेदन में कहा गया है कि 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाबिंदु के आपरेशन हुए थे। 15 मरीजों की संक्रमण के कारण आंख निकालनी पड़ी। यह इलाज में लापरवाही है।