Muzaffarpur News: आश्रमघाट में बने कृत्रिम तालाब संभव नहीं था एक भी प्रतिमा का विसर्जन
Muzaffarpur News रोक के बाद भी बूढ़ी गंडक नदी में हुआ प्रतिमा विसर्जन मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 के तहत नदियों में प्रतिमा विसर्जन पर लगाई गई थी रोकअधिनियम के उल्लंघन पर पूजा समिति पर लगाना था 10 हजार रुपये का जुर्माना।
मुजफ्फरपुर, जासं। सरकार द्वारा नदी के जल को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 को चार अक्टूबर से लागू किया गया था। इसके तहत जिला प्रशासन एवं नगर निगम को पत्र लिखकर नदियों में प्रतिमा का विसर्जन नहीं कराने को कहा गया था। साथ ही नगर निगम को प्रतिमा विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब के निर्माण का निर्देश दिया गया था। निगम ने आश्रम घाट व लकड़ीढाई में नदी किनारे गड्डा खोलकर पानी भरा गया था ताकि पूजा समितियां उसमें मूर्ति विसर्जन कर सकें, लेकिन इसकी हालत यह थी कि वहां एक भी मूर्ति का विसर्जन संभव नहीं था। सभी पूजा समितियों ने रोक के बाद भी अखाड़ाघाट व दादर पुल से बूढ़ी गंडक नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन किया। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने भी किसी को इससे नहीं रोका।
सरकार ने चार अक्टूबर से मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 के तहत नदियों में प्रतिमा विसर्जन पर लगाई थी। इसमें कोई पूजा समिति नदी में प्रतिमा का विसर्जन करती है तो उस पर 10 हजार रुपये जुर्माना करना है। सबकुछ कागजों पर ही रह गया और हर साल की तरह इस बार भी पूजा समितियों ने नदी में ही प्रतिमाओं का विसर्जन किया। एक-दो पूजा समितियां प्रतिमा लेकर आश्रम घाट पहुंची थीं, लेकिन निगम द्वारा तैयार कराए गए तालाब को देखकर उन्होंने उसमें प्रतिमा का विसर्जन करने से इन्कार कर दिया। बाद में पूजा समिति ने आश्रम घाट के पास बूढ़ी गंडक नदी में प्रतिमा का विसर्जन किया।
शरारती तत्वों को खदेडऩे में ओपीध्यक्ष का पैर टूटा
नगर थाना क्षेत्र के लकड़ीढ़ाही स्थित एक पूजा पंडाल से कुछ दूरी पर असामाजिक तत्वों द्वारा भीड़ लगाने की सूचना पर गुरुवार की रात सिकंदरपुर ओपीध्यक्ष मौके पर पहुंचे। शरारती तत्वों को खदेडऩे के दौरान ओपीध्यक्ष हरेंद्र कुमार गिरकर घायल हो गए। उनका पैर टूट गया। प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें पटना भेजा गया है।