Bihar Crime: विस्फोट के बाद दरभंगा का आतंकी मॉड्यूल चर्चा में, सुरक्षा एजेंसियों में बेचैनी
आइएम के चीफ यासीन भटकल और तहसीन ने दरभंगा में रहकर फैलाया था आतंक का नेटवर्क दरभंगा जंक्शन पर हुए विस्फोट की प्रकृति से बढ़ी सुरक्षा एजेंसियों की बेचैनी बढ़ गई है। अब इस ब्लास्ट का आतंकी कनेक्शन तलाशी जा रही है।
दरभंगा, जासं। स्थानीय जंक्शन पर ब्लास्ट के बाद दरभंगा का आतंकी मॉड्यूल फिर चर्चा में है। जांच में लगीं सुरक्षा एजेंसियां इस ब्लास्ट का आंतकी कनेक्शन तलाश रही हैं। वजह यह कि दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर सहित आसपास के अन्य जिलों से इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) सहित अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े लगभग दो दर्जन लोगों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है।
मुंबई, बेंगलुरु व दिल्ली पुलिस की विशेष टीम वर्ष 2000 से लेकर अबतक दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, किशनंगज और पूर्णिया जिले में कई बार छापेमारी कर चुकी है। इसमें 22 संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी में सबसे अधिक दरभंगा से हुई थी। इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक भटकल ने दरभंगा में रहकर यहां के शिवधारा में साइकिल की दुकान से पूरे मिथिलाचंल में संगठन को फैलाया था। समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मनियारपुर गांव निवासी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू आइएम के आइटी सेल का हेड था। 2013 में भटकल की गिरफ्तारी के बाद वह आइएम का चीफ बन गया था।
दरभंगा के केवटी थाना क्षेत्र स्थित बाढ़ समैला गांव जांच एजेंसियों के निशाने पर रहा। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में 2010 में हुए धमाके को लेकर बाढ़ समैला गांव के मो. कफील, मो. कतिल व मो. गौहर अजीज को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों की सूचना के आधार पर इसी गांव के रहने वाले मो. सैफ और फसी अहमद महमूद की गिरफ्तारी सऊदी अरब से की गई थी। दरभंगा के जाले थाने के देवरा बंधौली गांव से नदीम व नकी भी गिरफ्तार किए गए थे। लहेरियासराय थाना क्षेत्र के चकजोहरा मोहल्ला से दानिश की गिरफ्तारी की गई थी।
तहसीन को मिल चुकी है फांसी की सजा
तहसीन को हैदराबाद धमाके में फांसी की सजा मिल चुकी है। तिहाड़ जेल में बंद तहसीन दरभंगा के लहेरियासराय थाना क्षेत्र के महेशपट्टी मोहल्ला स्थित एक लॉज में रहता था। चंदनपट्टी स्थित मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय, दरभंगा के पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ाई करने दौरान ही आइएम से जुड़ गया। फिर हैदराबाद धमाके का मास्टर माइंड बना। पढ़ाई छोड़कर आतंक की ट्रेङ्क्षनग ली। इसका खुलासा 24 नवंबर 2011 को हुआ था। उसकी खोज में 18 दिसंबर 2011 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। लेकिन, सफलता नहीं मिली। फरवरी 2013 में मुंबई एटीएस ने चार आतंकियों की तस्वीर जारी कर दस-दस लाख के इनाम की घोषणा की, इसमें तहसीन दूसरे स्थान पर था। वह पकड़ा जाता उससे पहले ही उसने 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में उसने धमाका कर दिया था।
मुकेश अंबानी के घर बाहर बरामद विस्फोटक में भी आया था तहसीन का नाम : 29 जनवरी 2021 को दिल्ली में इजराइली दूतावास के बाहर हुए विस्फोट और 25 फरवरी 2021 को मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लदी लावारिस गाड़ी मिलने में तिहाड़ में बंद तहसीन का नाम आया था।