दस महीने बाद भी फाइनेंस कंपनी के लॉकर लूटकांड का मुख्य आरोपित पुुलिस गिरफ्त से बाहर

शहर के मध्य स्थित विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र के भारत फाइनांशियल इंक्लूजन लिमिटेड के दफ्तर में दिया था घटना को अंजाम अबतक मुख्य आरोपित के पिता सहित चार लोगों की हुई है गिरफ्तारी बदमाशों ने सीतामढ़ी के नानपुर में बना रखा है अपना ठिकाना लगातार दे रहा है घटनाओं को अंजाम

By DharmendraEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 02:25 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 02:25 PM (IST)
दस महीने बाद भी फाइनेंस कंपनी के लॉकर लूटकांड का मुख्य आरोपित पुुलिस गिरफ्त से बाहर
दस महीने पहले हुए लॉकर लूटकांड का मुख्य आरोपित पुलिस की पकड़ से बाहर है।

दरभंगा, जेएनएन। विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र के कंगवा गुमटी मोहल्ला स्थित भारत फाइनांशियल इंक्लूजन लिमिटेड के दफ्तर से अब से दस महीने पहले हुए लॉकर लूटकांड का मुख्य आरोपित सिकरम पुलिस पकड़ से बाहर है। पुलिस बदमाश को दबोचने का दावा तो करती है। लेकिन, अबतक उसके पास नहीं पहुंच पाई है। ऐसे में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। फरार बदमाश सिकरम सहनी जाले थानाक्षेत्र के बसंत गांव निवासी है। बताते हैं कि वह जाले और सीतामढ़ी जिले के नानपुर थानाक्षेत्र में ठिकाना बदलकर रहता है। इन्हीं जगहों से लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है। उसकी खोज दरभंगा ही नहीं बल्कि, सीतामढ़ी जिले की पुलिस भी कर रही है। बावजूद इसके वह पुलिस पकड़ से बाहर है। चुनावी अभियान दौरान भी पुलिस उसे पकड़ने में विफल रही। सीमावर्ती जिलों में आए दिन फाइनांशियल दफ्तर के कर्मी अपराधियों के निशाने पर होते हैं। जिले के अंदर भी कई घटनाएं घट चुकी है। बावजूद, मुख्य आरोपित को पकड़ने में पुलिस गंभीरता नजर नहीं आ रही।

गिरोह में मुजफ्फरपुर और वैशाली के भी बदमाश

सिकरम के गिरोह में मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले के भी बदमाश शामिल हैं। पूर्व में भी वह लूट और अवैध शराब के धंधे में कई बार जेल जा चुका है। लेकिन, 12 फरवरी को भारत फाइनांशियल इंक्लूजन के दफ्तर में हुई लूट की घटना में पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई है।

यह है घटनाक्रम 

बता दें कि सिकरम ने अपने साथियों के साथ 12 फरवरी को उक्त दफ्तर के कर्मी मृत्युंजय सिंह को हथियार के बल पर एक कमरे में बंद कर दिया और एक लाख 98 हजार 780 रुपये से भरा लॉकर, मोबाइल और टैब लूटकर फरार हो गया था। लॉकर को बाइक पर उठाकर ले गया। रास्ते में मोबाइल और टैब फेंक दिया। जिसे पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया। बदमाशों की पूरी करतूत सीसी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस बदमाश तक पहुंचती उससे पहले ही लॉकर को तोड़कर सारे रुपये आपस में बांट लिए। टूटे लॉकर को बदमाश सिकरम अपने घर में फेंक दिया। बाद में पुलिस बदमाशों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। लेकिन, सिकरम की जगह पुलिस उसके पिता कपिल सहनी को गिरफ्तार कर टूटे लॉकर को बरामद कर लिया। उसके निशानदेही पर गांव के अर्जुन राम औश्र सुधीर सहनी को भी दबोच गया। इस मामले में मब्बी ओपी के शीशोडीह निवासी व टेंपो चालक रामभरोस चौपाल को भी पकड़ा गया। उसके ऊपर शिशो गांव से टेंपो पर लॉकर लादकर बंसत गांव पहुंचाने का आरोप था। लूट में उसकी संलिप्तता बताई गई। लेकिन, चालक अपने को निर्दोष बताया था। चालक अनुसार लॉकर लेकर उसके पास पास पांच लोग पहुंचे थे। उसमें पकड़े गए अर्जुन राम और सुधीर सहनी शामिल था। ऐसी स्थिति में सिकरम की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा अन्य दो बदमाश कौन थे।

पुलिस का दावा शीघ्र पकड़ लेंगे बदमाश को

थानाध्यक्ष पवन सिंह ने बताया कि सिकरम की गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी की गई है। लेकिन, सफलता नहीं मिली है। उसके ठिकाने की जानकारी मिल गई है। जल्द ही वह पुलिस गिरफ्त में होगा।

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