पश्चिम चंपारण में 17 किलोग्राम गांजा के साथ बॉर्डर पार करते किशोर गिरफ्तार
थानाध्यक्ष प्रकाश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किशोर इनरवा थाना क्षेत्र के हीं एक गांव का रहने वाला है। बॉर्डर पर सकरौल गांव के समीप से उसे गिरफ्तार किया गया। फिलहाल किशोर से पूछताछ की जा रही है।
पश्चिम चंपारण, जासं। भारत- नेपाल सीमा के इनरवा बॉर्डर के समीप बुधवार की सुबह में पुलिस ने एक किशोर को पकड़ा। कोविड की वजह से सीमा सील होने के बावजूद किशोर ग्रामीण रास्ते से नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहा था। किशोर के बैग की तलाशी लेने के बाद पुलिस अधिकारी भौंचक रह गए। किशोर के बैग से अलग- अगल दो बंडल में 17 किलोग्राम गांजे की बरामदगी की गई। थानाध्यक्ष प्रकाश कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किशोर इनरवा थाना क्षेत्र के हीं एक गांव का रहने वाला है। बॉर्डर पर सकरौल गांव के समीप से उसे गिरफ्तार किया गया। फिलहाल किशोर से पूछताछ की जा रही है। उसके साथ इस धंधे में कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई कर रही है।
एक सप्ताह में जेल के सभी बंदियों को लगाया जाएगा वैक्सीन
मंडलकारा बेतिया में बंद सभी बंदियों को एक सप्ताह के भीतर कोरोना का वैक्सीन लगा दिया जाएगा। इसके लिए जेल प्रशासन मिशन मोड में काम शुरू कर दिया है। प्रतिदिन 200 से 300 बंदियों को टीकाकरण का प्लान बनाया गया है। टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। जेल सुपरिटेंडेंट रामाधार ङ्क्षसह ने बताया कि 45 आयु वर्ष से ऊपर के 218 बंदियों का टीकाकरण करा दिया गया है। अन्य बंदियों का टीकाकरण का काम हो रहा है। एक सप्ताह के भीतर सारे बंदियों के टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
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1100 बंदियों का मंगाया गया है आधार कार्ड
बंदियों के टीकाकरण में आधार कार्ड एक बड़ी बाधा थी। सुपरिटेंडेंट ने बताया कि जेल में बंद कई बंदियों के पास आधार कार्ड नहीं था। जबकि टीकाकरण के लिए आधार कार्ड का नंबर काफी जरूरी है। ऐसे में बंदियों के आधार कार्ड उनके घर से मंगाया जा रहा है। कुछ बंदियों का आधार नंबर वर्चुअल मंगाया गया है। करीब 1100 बंदियों का आधार कार्ड जेल प्रशासन के पास पहुंच गया है। इन बंदियों के टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है। अन्य बंदियों के आधार कार्ड मंगाया जा रहा है। फिलहाल जेल में करीब 1900 बंदी है।
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बंदियों के रिहा करने पर भी हो रहा है काम
जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि कोरोना की पहली लहर के दौरान छोटे-मोटे अपराध वाले कुछ बंदियों को शर्तों के साथ मुक्त किया गया था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी इसी तरह की योजना पर काम चल रहा है। एक दिन पहले इससे जुड़े सुप्रीम कोर्ट से आदेश आया है। आदेश के आलोक में बंदियों के अपराध और उनके जेल में बंद होने की अवधि के बाबत सारी जानकारी अपडेट किया जा रहा है।
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- कोरोना से बचाव के लिए बंदियों के वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर सभी बंदियों को टीका लगाने की योजना पर काम हो रहा है। 45 वर्ष से ऊपर उम्र वाले 218 बंदियों को टीका लगाया जा चुका है। कोरोना से बचाव के लिए जेल की साफ-सफाई, सैनिटाइज कराया जा रहा है। सभी बंदी सुरक्षित है।
रामाधार सिंह, सुपरिटेंडेंट, मंडलकारा, बेतिया।