शिक्षक ने सरेआम नसें काट रेत ली गर्दन; दीवार पर खून से लिखा- भ्रष्टाचारी मुर्दाबाद; बच्‍चों ने बचा ली जान

बिहार के सीतामढ़ी में एक शिक्षक ने सरेआम सुसाइड की ऐसी कोशिश की जिसे जान कर आपकी रूह कांप जाएगी। माैके पर मौजूद कुछ बच्‍चों ने सूझबूझ व हिम्‍मत से उनकी जान बचा ली।

By Amit AlokEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 11:58 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 09:32 PM (IST)
शिक्षक ने सरेआम नसें काट रेत ली गर्दन; दीवार पर खून से लिखा- भ्रष्टाचारी मुर्दाबाद; बच्‍चों ने बचा ली जान
शिक्षक ने सरेआम नसें काट रेत ली गर्दन; दीवार पर खून से लिखा- भ्रष्टाचारी मुर्दाबाद; बच्‍चों ने बचा ली जान

सीतामढ़ी, जेएनएन। इस घटना ने बिहार की बदहाल व्‍यवस्‍था की पोल खाल दी है। सालों से वेतन (Salary) नहीं मिलने के कारण जब कोरोना (CoronaVirus) संक्रमण के काल में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई तो बिहार के सीतामढ़ी जिले के एक शिक्षक ने सरेआम सुसाइड (Suicide) की ऐसी कोशिश की, जिसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी। उसने हाथ की नसें काटकर गर्दन भी रेत ली, फिर दीवार पर खून से 'भ्रष्‍टाचारी मुर्दाबाद' लिख डाला। घटनस्‍थल पर खेल रहे कुछ बच्‍चों ने अपनी सूझ-बूझ से शिक्षक की जान बचा ली। हालांकि, घटना की बाबत जिलाधिकारी (DM) ने कहा कि शिक्ष्‍क को वेतन भुगतान किया जा चुका है।

फील्‍ड में बाइक खड़ी कर हाई वोल्‍टेज सुसाइड की कोशिश

सीतामढ़ी जिला मुख्यालय के डुमरा हवाई अड्डा फील्ड में शिक्षक अपनी बाइक से आया आर बीच मैदान में बने मंच के पास बैठ गया। वहां खेल रहे बच्‍चों के अनुसार अचानक उसने ब्लेड से नसें काट लीं, फिर गर्दन भी रेत लिया। इसके बाद उसने खून से मंच की सीमेंटेड दीवार पर 'भ्रष्‍टाचारी मुर्दाबाद' लिख डाला।

काम आई बच्‍चों की हिम्‍मत, जानिए कैसे बचा ली जान

घटना देख फील्‍ड में खेल रहे बच्‍चे स्‍तब्‍ध रह गए। इसी बीच कुछ बच्‍चों ने हिम्‍मत दिखाई। उन्‍होंने दर्द से तड़पते शिक्षक के जख्‍मों पर अपने कपड़े लपेटकर खून रोकने की कोशिश की।

2013 से कर रहे नौकरी, केवल तीन साल मिला वेतन

सुसाइड की कोशिश करने वाले शिक्षक की पहचान सीतामढ़ी के बेला थाना क्षेत्र के नरगा मुजौलिया गांव निवासी महेंद्र साह के पुत्र संजीव कुमार साह (32) के रूप में की गई। वह अपने भाई सत्येंद्र साह के साथ शहर से सटे बसवरिया लक्ष्मी नगर में रहता है। वह डुमरा प्रखंड के लपटी टोल प्राथमिक विद्यालय में साल 2013 से पंचायत शिक्षक है। परिवार के अनुसार तब से उसे केवल तीन साल तक ही वेतन मिल पाया है। विभागीय पेच के चलते उसे आगे का वेतन नहीं मिल रहा है।

सदमे में परिवार, शिक्षक की स्थिति खतरे के बाहर

घटना से शिक्षक का परिवार सदमे में है। शिक्षक की स्थिति खतरे के बाहर है। परिवार के लोगों की मानें तो वेतन नहीं मिलने का कारण विभागीय लापरवाही व भ्रष्‍टाचार है।

डीएम ने बताया, शिक्षक को हो चुका वेतन भुतान

घटना की बाबत सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि सुसाइड की कोशिश करने वाले शिक्षक के मामले की उन्‍होंने जांच कराई। जांच रिपोर्ट के अनुसार, वे 2015 से 2017 तक अवैतनिक अवकाश पर थे। शेष काल का वेतन भुगतान कर दिया गया है। उनके विद्यालय के सभी शिक्षकों का भी वेतन भुगतान अद्यतन है। .

पहले भी कर चुके खुदकुशी की कोशिश

पुलिस घटना के अनुसंधान में लगी है। उसके अनुसार शिक्षक ने सालभर पूर्व भी जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश की थी।

chat bot
आपका साथी