मशीन बताएगी पौधे को कितना तापमान, आ‌र्द्रता और पानी की आवश्यकता

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं ने मिलकर किसानों को समृद्ध बनाने वाली एक विशेष प्रणाली विकसित की है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 01:51 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 01:51 AM (IST)
मशीन बताएगी पौधे को कितना तापमान, आ‌र्द्रता और पानी की आवश्यकता
मशीन बताएगी पौधे को कितना तापमान, आ‌र्द्रता और पानी की आवश्यकता

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्राध्यापकों व छात्र-छात्राओं ने मिलकर किसानों को समृद्ध बनाने वाली एक विशेष प्रणाली विकसित की है। स्मार्ट सीड ग्रोवर सिस्टम नामक यह तकनीक पौधे का तापमान, आ‌र्द्रता, उसके बढ़ने के लिए मिट्टी व प्रकाश की स्थिति जैसे पर्यावरणीय मापदंडों को बनाए रखने और उनकी निगरानी करने में सक्षम है। यह समय पर पौधे की वृद्धि के लिए आवश्यक सभी मापदंडों की निगरानी व नियंत्रण सुनिश्चित करता है। ससमय पौधों को सभी आवश्यक तत्वों की आपूर्ति होने से उपज में वृद्धि होगी। किसानों के लिए यह तकनीक काफी फायदेमंद साबित होगी।

विभाग के बीपीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक व छात्र-छात्राओं की टीम ने इस तकनीक को विकसित किया है। सहायक प्राध्यापकों में धर्मेंद्र कुमार महतो, डा.मो.इम्तियाज अनवर और डा.सोनी सिंह के साथ ही अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों में विजय कुमार व गीतांजलि शुक्ला शामिल हैं।

शोध के प्रति विद्यार्थियों की बढ़ेगी रुचि : इस तकनीक को विकसित करने वाले प्राध्यापकों ने बताया कि किसान बीज का उपयोग करके पौधे उगाते हैं, लेकिन उन्हें कब पानी, आ‌र्द्रता व अन्य तत्वों की आवश्यकता होती है इसका सही अनुमान नहीं लगा पाते। इसका असर उपज पर पड़ता है। यह तकनीक सही समय पर पौधे को किस तत्व की जरूरत है उसे बताएगी। इसमें आर्डिनो मेगा-2560 प्लस वाई-फाई संस्करण, सेंसर और एक्चुएटर्स जैसे हार्डवेयर का उपयोग किया गया है। स्वचालित बीज/पौधे की निगरानी व नियंत्रण प्रणाली भी इसमें लगी है। इस प्रोजेक्ट को विभागाध्यक्ष सह विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो.मनेन्द्र कुमार ने काफी सराहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस तरह के प्रोजेक्ट इलेक्ट्रानिक्स विभाग में लाइफ साइन्स विभाग के सहयोग से होते रहेंगे। इससे समाज के लोग लाभान्वित होंगे। इस तरह के शोध कार्यों से विद्यार्थियों में भी भाग लेने की रुचि बढ़ेगी।

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