महापौर चुनाव को लेकर ऊहापोह, कुर्सी के दावेदारों की बढ़ी बेचैनी

महापौर पद से सुरेश कुमार के हटे दो माह पूरा होने को है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 03:18 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 03:18 AM (IST)
महापौर चुनाव को लेकर ऊहापोह, कुर्सी के दावेदारों की बढ़ी बेचैनी
महापौर चुनाव को लेकर ऊहापोह, कुर्सी के दावेदारों की बढ़ी बेचैनी

मुजफ्फरपुर : महापौर पद से सुरेश कुमार के हटे दो माह पूरा होने को है। महापौर के खाली पद को लेकर चुनाव का मामला राज्य निर्वाचन आयोग से लंबित है। चुनाव होगा या नहीं होगा इसको लेकर निगम में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इसके कारण महापौर की कुर्सी के दावेदारों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। उनको अपनी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। निगम की राजनीति के किंगमेकर भी परेशान हैं। भावी उम्मीदवार लगातार राज्य निर्वाचन आयोग की दौड़ लगा रहे हैं। निर्वाचन आयोग न तो हां कह रहा है और न ही ना। इससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा चुनाव कराने के लिए भेजे गए प्रस्ताव को निर्वाचन आयोग पहले ही ठुकरा चुका था। आयोग ने अविश्वास प्रस्ताव में नगरपालिका अधिनियम का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए प्रस्ताव को लौटा दिया था। 24 जुलाई को पारित हुआ था अविश्वास प्रस्ताव

24 जुलाई को महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाई गई थी। इसमें महापौर सुरेश कुमार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था। आयोग का कहना है कि बैठक में भाग लेने के लिए पार्षदों को जो सूचना भेजी गई थी उसमें बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 का पालन नहीं किया गया था। अधिनियम के तहत सभी पार्षदों को बैठक की सूचना 72 घंटे पूर्व दी जानी थी, लेकिन निगम के पांच पार्षदों को यह सूचना निर्धारित समय के बाद दी गई। जिन पार्षदों को समय पर सूचना नहीं दी गई उनमें वार्ड सात की पार्षद सुषमा देवी, वार्ड 13 की पार्षद सुनीता भारती, वार्ड 14 के पार्षद रतन शर्मा, वार्ड 16 के पार्षद पवन राम एवं वार्ड 17 के पार्षद विकास कुमार शामिल है।

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