बैैंक लाकर नहीं खोलने की मुजफ्फरपुर के निलंबित डीटीओ रजनीश लाल की सास की अर्जी खारिज

पिछले सप्ताह इस पर विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई थी। अर्जी में उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि उनके बैंक लाकर को खोलने की अनुमति निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को नहीं दें। उनका बैंक लाकर पटना के बैंक आफ बड़ौदा की शाखा में है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 09:07 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 09:07 AM (IST)
बैैंक लाकर नहीं खोलने की मुजफ्फरपुर के निलंबित डीटीओ रजनीश लाल की सास की अर्जी खारिज
विशेष न्यायालय निगरानी ने सरस्वती देवी की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया आदेश।

मुजफ्फरपुर, जासं। आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) रजनीश लाल की सास सरस्वती देवी की अर्जी विशेष न्यायालय (निगरानी) ने खारिज कर दी है। पिछले सप्ताह इस पर विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई थी। अर्जी में उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि उनके बैंक लाकर को खोलने की अनुमति निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को नहीं दें। उनका बैंक लाकर पटना के बैंक आफ बड़ौदा की शाखा में है। उधर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की ओर से सरस्वती देवी के लाकर को खोलने की अनुमति देने के लिए विशेष न्यायालय में अर्जी दाखिल कर रखी है। यह अर्जी सुनवाई पर है।

ब्यूरो को शक, लाकर में बंद है निलंबित डीटीओ की अवैध संपत्ति : सरस्वती देवी की अर्जी के जवाब में ब्यूरो की ओर विशेष लोक अभियोजक (निगरानी) अरुण कुमार चौधरी ने विशेष कोर्ट में दलील दी थी कि उन्होंने इस लाकर की नामिनी अपनी पुत्री राखी लाल को बना रखा है। राखी लाल निलंबित डीटीओ रजनीश लाल की पत्नी हैं। यह लाकर सरस्वती देवी व उसके पति के संयुक्त नाम से है। ब्यूरो को शंका है कि इस लाकर में निलंबित डीटीओ की अवैध कमाई की संपत्ति बंद है। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रियरंजन अनु ने दलील दी थी कि सरस्वती देवी के पति डीएसपी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। ब्यूरो बेवजह उनकी पैतृक व ससुराल की संपत्ति को जब्त करना चाहता है। सेवानिवृत्त अधिकारी रहे ससुर की संपत्ति को निलंबित डीटीओ की संपत्ति से कैसे अटैच किया जा सकता है।

ये है मामला : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 23 व 24 जून को तत्कालीन डीटीओ रजनीश लाल के पटना व मुजफ्फरपुर आवास पर छापेमारी की थी। इसमें पटना में दो व मुजफ्फरपुर में एक आवास शामिल है। जांच के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने निलंबित डीटीओ की एक करोड़ 24 लाख रुपये की संपत्ति अवैध घोषित की थी।  

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