Surya Grahan 2021 Timing in Muzaffarpur: सूर्य ग्रहण पर इस बार बना अद्भुत संयोग, चरम पर रही उत्‍सुकता

Surya Grahan 2021 Timing in Muzaffarpur Bihar यह सूर्य ग्रहण भारत के अरुणाचल व लद्​दाख में ही दिखा। इस स्थिति में सूतक व अन्य मान्यताओं का दायरा भी केवल ये क्षेत्र ही रहे। इसके बारे में जानने की मुजफ्फरपुर के लोगों में उत्सुकता रही।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 02:53 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 10:32 PM (IST)
Surya Grahan 2021 Timing in Muzaffarpur: सूर्य ग्रहण पर इस बार बना अद्भुत संयोग, चरम पर रही उत्‍सुकता
भारत में यह केवल यह केवल अरुणाचल और लद्​दाख के कुछ भागों में दिखेगा। फाइल फोटो ब

मुजफ्फरपुर, ऑनलाइन डेस्क। Surya Grahan 2021 Timing in Muzaffarpur:  साल के पहले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों में उत्साह दिखा। वे इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करना चाहते थे। इसका प्रभाव कब से कब तक रहेगा और स्थानीय स्तर पर इसकी टाइमिंग क्या होगी, यह जानना चाह रहे थे। जहां तक इस बार के सूर्य ग्रहण का सवाल है तो भारत में इसका प्रभाव नहीं के बराबर दिखने वाला रहा। यह केवल अरुणाचल और लद्​दाख के कुछ भागों में दिखा। जाहिर है कि देश का अन्य हिस्सा इसको नहीं देख पाए।  वे इस रोचक खगोलीय घटना का साक्षी होने से वंचित रहे। इसी तरह ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं भी लागू नहीं हुईं। मसलन सूतक का पालन नहीं करना पड़ा। इसी दिन वट सावित्री व शनि जयंती का अद्भुत संयोग भी रहा। भारत में इसके क्षेत्र विशेष में ही दृश्यता के कारण तरह-तरह के जिज्ञासाएं लोगों के मन में थीं। aaj surya grahan hai kya या is today solar eclipse जैसे सवाल पूछ रहे थे। वहीं कुछ लोग आज सूर्य ग्रहण कितने बजे लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने बजे से है, aaj ka surya grahan, today solar eclipse time, solar eclipse today, today surya grahan timing के बारे में पूछ रहे थे। एकदम से धार्मिक प्रवृति के लोगों की रुचि solar eclipse effects on zodiac signs 2021 या surya grahan 2021 effect on rashi जानने में रही।

मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक का इस बारे में कहा कि सूतक उन्हीं जगहों पर मान्य होता है जहां ग्रहण दिखाई देता है। चूंकि बिहार या मुजफ्फरपुर इस दायरे से बाहर रहे, इसलिए यहां के लोगों पर सूतक लागू नहीं हुआ। इस कारण लोग सामान्य दिनों की तरह अपना जीवन बसर कर सके। जहां तक अरुणाचल प्रदेश की बात है, तो वहां यह शाम को 5:52 बजे देखा जा सका। लद्​दाख में यह शाम 6 बजे देखा गया। दुनिया के अन्य हिस्सों की बात करें तो यह भारतीय समय के अनुसार सुबह 1:42 बजे से आरंभ होकर शाम को लगभग 6:41 बजे खत्म हो गया।

धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण को बेहतर नहीं माना जाता है। इसका मानव जीवन पर कुप्रभाव ही देखने को मिलता है। इसलिए सूतक का विधान है। इसके पालन से ग्रहण के आंशिक कुप्रभाव की भी आशंका नहीं रहती है।

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