समस्तीपुर में गायब कारतूस मामले में दो पुलिसकर्मियों का समर्पण, भेजे गए जेल

समस्तीपुर शस्त्रागार से वर्ष 2018 में गायब हुए थे 4 हजार 56 कारतूस और नौ मैगजीन तत्कालीन सार्जेंट मेजर समेत 12 पुलिसककर्मी नामजद घटना के दौरान पीटीसी संजय शर्मा अंगारघाट थाना में मैनेजर और हवलदार विजय गिरि पुलिस केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:11 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:11 AM (IST)
समस्तीपुर में गायब कारतूस मामले में दो पुलिसकर्मियों का समर्पण, भेजे गए जेल
समस्‍तीपुर में कायब कारतूूस मामले में आरोप‍ितोंं को जेल। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर, जासं। शहर के दुधपुरा पुलिस केंद्र स्थित शस्त्रागार से गायब हजारों कारतूस मामले में नामजद हवलदार विजय गिरि और पीटीसी संजय शर्मा ने व्यवहार न्यायालय में सरेंडर कर दिया। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। घटना के दौरान पीटीसी संजय शर्मा अंगारघाट थाना में मैनेजर और हवलदार विजय गिरि पुलिस केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे। वर्ष 2018 में शस्त्रागार से 4 हजार 56 कारतूस समेत कारबाइन के नौ मैगजीन गायब होने का मामला सामने आया था। इस बाबत दरभंगा प्रक्षेत्र के आइजी के निर्देश पर गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट पर मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें तत्कालीन सार्जेंट मेजर मिथिलेश ङ्क्षसह समेत 12 पुलिसकर्मियों को नामजद किया गया। पुलिस पर्यवेक्षण में छह के खिलाफ आरोप तय किया गया। शेष छह को आरोप मुक्त बताया गया। मामले में अबतक कई अनुसंधानक बदले। जांच का जिम्मा पटोरी डीएसपी को भी मिला। फिर दरभंगा प्रक्षेत्र के डीआइजी विनोद कुमार ने जांच की। एसपी मानवजीत ङ्क्षसह ने बताया कि नामजद दो पुलिसकर्मियों ने समर्पण किया है। अन्य पर कार्रवाई जारी है।

वर्ष 2015 से जारी था खेल

वर्ष 2018 में तत्कालीन एसपी दीपक रंजन ने पुलिस लाइन के ंनिरीक्षण के दौरान गड़बड़ी पकड़ी थी। दलङ्क्षसहसराय डीएसपी कुंदन कुमार के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की। रिपोर्ट में पता चला कि कारतूस गायब होने का खेल जुलाई 2015 से ही चल रहा था।

12 पुलिसकर्मी नामजद

प्राथमिकी में तत्कालीन सार्जेंट मेजर मिथिलेश कुमार ङ्क्षसह, कोत प्रभारी भोला प्रसाद चौधरी, देवनंदन दास, राजेंद्र गिरि, हवलदार बच्चनदेव श्रीवास्तव, जमादार उमाशंकर ङ्क्षसह, सिपाही आशीष आनंद, संजय शर्मा, रामाशंकर ङ्क्षसह, विजय गिरि समेत दो अन्य को आरोपित किया गया था। इनमें कई का स्थानांतरण हो चुका है। कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हवलदार रामाशंकर ङ्क्षसह की मृत्यु हो चुकी है।

नहीं मिला सुराग

जांच रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक 9 एमएम की 3817 गोलियां गायब हैैं। इसके अलावा राइफल की 110, एके 47 की 49 व इंसास राइफल की 26 गोलियां गायब हैैं। जांच कमेटी ने जून 2015 से अब तक की गोलियों के निर्गत और जमा रजिस्टर की जांच की। स्टॉक के हिसाब से 19850 गोली होनी चाहिए थी, लेकिन 3817 गोलियां कम मिलीं। इंसास रायफल की 13025 गोलियों में 11880 निर्गत की गई थी। इस हिसाब से स्टॉक में 1145 गोली होनी चाहिए, लेकिन 1119 गोली मिली। एके 47 की 49 व थ्री नट थ्री की 110 गोलियां भी कम थीं।

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