नवरुणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट की पांचवीं डेडलाइन में तीन दिन शेष

नवरुणा हत्याकांड में जांच पूरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली पांचवीं डेडलाइन पूरी होने में महज तीन दिन शेष हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 03:00 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 03:00 PM (IST)
नवरुणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट की पांचवीं डेडलाइन में तीन दिन शेष
नवरुणा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट की पांचवीं डेडलाइन में तीन दिन शेष

मुजफ्फरपुर। नवरुणा हत्याकांड में जांच पूरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली पांचवीं डेडलाइन पूरी होने में महज तीन दिन शेष हैं। इस महीने की 15 तारीख को यह डेडलाइन पूरी हो रही। डेडलाइन तय करने के समय ही सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 18 सितंबर मुकर्रर की है। उस दिन स्वत: सुनवाई की जाएगी। इधर नवरुणा के माता-पिता भी दिल्ली पहुंच गए हैं। मुजफ्फरपुर के विशेष सीबीआइ कोर्ट में इस मामले की नियमित सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख मुकर्रर है। हालांकि, सीबीआइ अब भी चुप्पी साधे है। दो बार में सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी, जिससे सभी को जमानत मिल गई।

18 सितंबर को घटना को पूरे हो जाएंगे छह साल : 18 सितंबर को घटना के छह साल पूरे हो जाएंगे। तीन एजेंसियों की जांच के बाद भी मामला स्पष्ट नहीं हो पाया। 18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया था। ढाई माह बाद उसके घर के निकट नाले की सफाई के दौरान मानव कंकाल मिला। उसके माता-पिता की डीएनए जांच के बाद कंकाल नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में पुलिस ने इसकी जांच की। बाद में मामला सीआइडी को सौंपा गया। कोई नतीजा नहीं निकलने पर मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंपी गई। फरवरी 2014 से सीबीआइ जांच कर रही।

दिल्ली पहुंचे नवरुणा के माता-पिता : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख को देखते हुए नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती व मां मैत्रेयी चक्रवर्ती दिल्ली पहुंच गए हैं। हालांकि, अतुल्य चक्रवर्ती ने बताया कि उनकी तबीयत काफी खराब है। वे अपना इलाज कराने दिल्ली आए हैं। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को भी देखेंगे। सुप्रीम कोर्ट मामले की जांच की मॉनीट¨रग कर रहा। उन्हें कोर्ट पर पूरा विश्वास है। वैसे अब तक सुप्रीम कोर्ट में कोई आवेदन देने का निर्णय नहीं किया है। इस संबंध में अपने अधिवक्ता से कानूनी सलाह लेकर ही आगे की कानूनी पहल करेंगे।

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