UGC: प्रत्येक शैक्षणिक सत्र के लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों को देना होगा रैगिंगरोधी शपथ पत्र

कहा गया है कि www.antiragging.in और www.amanmovement.org में से किसी एक वेबसाइट पर विद्यार्थी अपने शैक्षणिक सत्र का विवरण भरेंगे। सभी नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद सहमति देंगे कि वे और उनके माता पिता ने रैगिंग को रोकने को लेकर सभी नियमों को समझ लिया है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 30 Oct 2021 11:37 AM (IST) Updated:Sat, 30 Oct 2021 11:37 AM (IST)
UGC: प्रत्येक शैक्षणिक सत्र के लिए विद्यार्थियों और अभिभावकों को देना होगा रैगिंगरोधी शपथ पत्र
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एंटी रैगिंग को सख्ती से लागू करने का दिया निर्देश।

मुजफ्फरपुर, जासं। अब सभी कालेजों और विश्वविद्यालय के विभागों में नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों को प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में रैगिंग रोकने के लिए शपथपत्र देना होगा। यह शपथपत्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से रैगिंग को रोकने के लिए विकसित पोर्टल पर आनलाइन शपथपत्र भरना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से इसको लेकर सभी कालेज के प्राचार्यों और विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि www.antiragging.in और www.amanmovement.org में से किसी एक वेबसाइट पर विद्यार्थी अपने शैक्षणिक सत्र का विवरण भरेंगे। सभी नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद सहमति देंगे कि वे और उनके माता पिता ने रैगिंग को रोकने को लेकर सभी नियमों को समझ लिया है। साथ ही वे किसी भी प्रकार के रैगिंग की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही एक रजिस्ट्रेशन नंबर और वेब लिंक संबंधित विद्यार्थी के इमेल पर भेजा जाएगा। छात्र इस लिंक को कापी कर अपने कालेज व विवि के नोडल पदाधिकारी के ईमेल पर इस लिंक को भेजेंगे। अब छात्रों को उसका प्रिंटआउट लेकर जमा करने की जरूरत नहीं होगी। नोडल पदाधिकारी उस लिंक के माध्यम से यह आश्वस्त हो लेंगे कि संबंधित विद्यार्थी ने शपथपत्र भर लिया है।

संस्थान परिसर में पोस्टर और बैनर के माध्यम से करना है प्रचार प्रसार

शिक्षण संस्थानों में रैगिंग को रोकने के लिए यूजीसी ने इस सत्र से सख्ती बढ़ा दी है। विवि को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि रैगिंगरोधी नोडल पदाधिकारी का मोबाइल नंबर और इमेल आइडी को संस्थान के वेबसाइट और परिसर में पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित करें। साथ ही कैंटीन, पुस्तकालय, छात्रावास, प्रवेश केंद्र और अन्य सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर और बैनर के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार करें। रैगिंग रोकने के लिए व छात्रों को जागरूक करने को लेकर ई.लिफ्लेट भी जारी किया जाएगा। 

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