विवि में रिजल्ट सुधार के लिए आए छात्र की बेरहमी से पिटाई

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बुधवार को रिजल्ट सुधार को आए एक छात्र की स्थानीय युवकों ने मिलकर जमकर पिटाई कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 01:47 AM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 01:47 AM (IST)
विवि में रिजल्ट सुधार के लिए आए छात्र की बेरहमी से पिटाई
विवि में रिजल्ट सुधार के लिए आए छात्र की बेरहमी से पिटाई

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में बुधवार को रिजल्ट सुधार को आए एक छात्र की स्थानीय युवकों ने मिलकर जमकर पिटाई कर दी। बताया जाता है कि बुधवार दोपहर पार्ट वन सेक्शन में एक छात्र मोतिहारी से अपना रिजल्ट सुधरवाने के लिए आया था। यहां अत्यधिक भीड़ थी। जब वह आगे जाने लगा तो एक स्थानीय युवक से विवाद हो गया। देखते ही देखते स्थानीय युवकों ने अपने साथियों को वहां बुला लिया। जब वह नीचे उतरा तो परिसर में भी और बाहर निकलने के बाद उसकी पिटाई की। किसी तरह इन युवकों से जान बचाकर छात्र भागा। हालांकि, इस मामले में विवि थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। इधर, परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। कहा कि परिणाम में सुधार के लिए विद्यार्थियों को विवि आने की जरूरत ही नहीं है। वे अपने कॉलेज में ही आवेदन दें। वहां से आवेदन समेकित होकर आएगा और रिजल्ट में सुधार हो जाएगा।

नियोजित शिक्षकों की मौत होने पर नहीं मिलेगी मुआवजा, सीएम से शिकायत

नियोजित शिक्षकों की दुर्घटना में मौत होने पर मुआवजे का प्रावधान खत्म करने पर शिक्षक संघ ने कड़ी आपत्ति जताई है। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजा है। कहा है कि, नियोजित शिक्षक रसोईया, तालीमी मरकज स्वयं सेवक, टोला सेवक, विकास मित्र तथा एक आम आदमी से भी बदतर है। उनकी मौत सड़क दुर्घटना में हो जाए तो चार लाख मुआवजा सरकार अब नहीं देगी। नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को सेवा काल के दौरान उनकी मृत्यु होने पर एकमुश्त चार लाख रूपये की अनुदान राशि देने की व्यवस्था की थी। वर्तमान में 01 सितंबर 2020 की तिथि से कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ देने की घोषणा के साथ ही प्रासंगिक अधिसूचना के माध्यम से सेवाकाल में मृत्यु उपरात देय उक्त चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है। शिक्षकों के साथ घोर अन्याय हो रहा है एक और वर्तमान में शिक्षकों का ईपीएफ खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन अभी तक किसी के खाते में अंशदान जमा नहीं हो सका है।

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