दरभंगा में एफडीआर योजना की जमीनी जांच शुरू होने से हड़कंप
दरभंगा में मापी पुस्तिका को दुरूस्त करने में जुटे कनीय अभियंता मुजफ्फरपुर में ग्रामीण कार्य विभाग दरभंगा के प्रभारी अधीक्षण अभियंता की गाड़ी और दरभंगा स्थित आवास से कुल 67 लाख रुपयों की जब्ती के बाद एफडीआर योजना की हो रही जांच
दरभंगा, जासं। दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग-टू के कार्यपालक अभियंता सह प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी व दरभंगा स्थित आवास पास से 67 लाख की बरामदगी मामला अब तूल पकड़ने लगा है। राजनीतिक दल भी इसकी स्वच्छ और निष्पक्ष जांच करने की मांग करने लगे हैं। भाकपा माले के जिला सचिव वैद्यनाथ यादव आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। बताया है कि भारत बंदी आंदोलन के बाद इस मामले को गंभीरता से लेंगे।
इधर, एफडीआर योजना की जमीनी जांच शुरू होने से अभियंताओं में हड़कंप मच गया है। कार्यालय सूत्रों अनुसार मापी पुस्तिका को बदलने की तैयारी चल रही है। कुछ काे तो बदल भी दिया गया है। किए गए कार्य को शतप्रतिशत की जगह अब नए मापी पुस्तिका में तीस से पैंतीस प्रतिशत कार्य दिखाया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि, जांच में कनीय अभियंता स्वयं को सुरक्षित रख सके। इस चर्चा की भनक आर्थिक अपराध इकाई को लग गई है। इधर, जानकारी मिलने से फेक संवेदकों में नाराजगी देखी जा रही है। बता दें कि एफडीआर योजना के भुगतान पर रोक लगने और पूरे मामले की जांच शुरू होने के कनीय अभियंताओं में हड़कंप मचा है। यह खेल ग्रामीण कार्य विभाग दरभंगा अंचल के दरभंगा और मधुबनी जिले के नौ डिवीजनों में खेला गया है। एक अरब 15 करोड़ की राशि से 532 सड़कों की मरम्मत कराई गई है।
प्रभारी अंचल अधीक्षण अभियंता के पास से मोटी रकम मिलने के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले को आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया था। वहीं एक आवेदक के शिकायत पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। यही कारण है कि आर्थिक अपराध इकाई विभाग अभियंताओं पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, प्रभारी अधीक्षण अभियंता के पास से बरामद किए गए 67 लाख रुपये एफडीआर योजना से जुड़ा है। इसमें 36 प्रतिशत कमीशन की चर्चा जिले में तेजी से चल रही है।
प्रभारी अधीक्षण अभियंता के डायरी से मिले नौ संवेदकों का नाम :
प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के दरभंगा आवास से जब्त डायरी को आर्थिक अपराध इकाई खंगालने में जुटी है। सूत्रों अनुसार अब तक इस डायरी में नौ संवेदकों का नाम मिला है। जिसका कुछ हिसाब भी अंकित है। बताया जाता है कि जांच टीम उन सभी नामों को सत्यापन करने में जुटी है। इसमें पता के साथ मोबाइल नंबर और एजेंसी का नाम जुटाया जा रहा है। इससे पूर्व जांच टीम ने तकनीकी विभाग की मदद से जब्त लैपटाप को भी खोलने में कामयाब हुए थे। जिससे कई सुराग मिले हैं।
बता दें कि प्रभारी अधीक्षण अभियंता स्कार्पियो गाड़ी से 28 अगस्त को पटना जा रहे थे। इस बीच मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाने के फकुली ओपी पुलिस ने वाहन जांच दौरान उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने उनके दरभंगा आवास सहित पटना के दो घरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान दरभंगा के बहादुरपुर थानाक्षेत्र के बरहेता रोड स्थित उनके आवास से 49 लाख रुपये के साथ लगभग दो दर्जन संपत्ति के दस्तावेज, डायरी, लैपटाप, बाउंड, सादा स्टाम्प पेपर आदि बरामद किए गए थे। इसमें भूमि व भवन से संबंधित दस्तावेज अलग-अलग नामों से मिले थे। मुजफ्फरपुर पुलिस ने सभी दस्तावेजों और लैपटाप को आर्थिक अपराध इकाई को सौंपते हुए अधीक्षण अभियंता को जामनत पर छोड़ दिया था।