मधुबनी : अधिग्रहित जमीन पर सात वर्षों बाद भी एसएसबी को नहीं मिला भौतिक कब्जा
Madhubani News 48वीं वाहिनी एसएसबी मुख्यालय जयनगर की स्थापना के लिए शिलानाथ दुल्लीपट्टी मौजा में अधिग्रहित की गई थी जमीन। सात वर्षों बाद भी अधिग्रहित जमीन पर भौतिक कब्जा प्राप्त नहीं होने पर उप कमांडेंट ने किया अधिग्रहित भूमि की अधिसूचना निरस्त की प्रक्रिया प्रारंभ करने का डीएम से अनुरोध।
मधुबनी, जागरण संवाददाता। 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, मुख्यालय जयनगर की स्थापना के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उस अधिग्रहित जमीन पर सात वर्षों के बाद भी एसएसबी को भौतिक कब्जा प्राप्त नहीं हो सका है। 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, मुख्यालय जयनगर की स्थापना के लिए जयनगर अंचल क्षेत्र स्थित मौजा-शिलानाथ दुल्लीपट्टी में सात वर्ष पहले जमीन का अधिग्रहण किया गया था। लेकिन, इस जमीन पर सात वर्षों बाद भी एसएसबी को भौतिक कब्जा प्राप्त नहीं होने पर 48वीं वाहिनी जयनगर के उप कमांडेंट कार्यवाह कमांडेंट चन्द्रशेखर ने जिला पदाधिकारी को एक बार फिर पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि अधिग्रहित भूमि का रकवा 75 एकड़़ भूमि की अधिसूचना निरस्त एवं वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए अब सशस्त्र सीमा बल 48 वीं वाहिनी के मुख्यालय का स्थाई रुप से स्थापना के लिए नई 75 एकड़ वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
गौरतलब है कि 48 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, मुख्यालय जयनगर की स्थापना के लिए जयनगर अंचल अंतर्गत मौजा-शिलानाथ दुल्लीपट्टी में 75 एकड़ भूमि का अधिग्रहण के लिए अप्रैल 2008 में आठ करोड़ 33 लाख 36 हजार 925 रुपये एवं मार्च 2014 में दो करोड़ 80 लाख 57 हजार 54 रुपये अर्थात कुल 11 करोड़ 13 लाख 93 हजार 979 रुपये जिला भू-अर्जन कार्यालय, मधुबनी को एसएसबी ने उपलब्ध करा दिया था। जिसके बाद जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एवं कानूनगो के द्वारा 75 एकड़ जमीन में से 71.03 एकड़ का दखल-दिहानी प्रपत्र-7 के तहत 17 जून 2013 को तत्कालीन 14वीं वाहिनी को दिया गया था। लेकिन, 3.97 एकड़ भूमि के भू-धारियों के द्वारा उच्च न्यायालय, पटना में रिट दायर कर दिया गया।
उक्त 3.97 एकड़ भूमि अधिग्रहित भूमि का रकवा 71.03 एकड़ भूमि के बीच में होने के कारण बार-बार विरोध एवं धरना-प्रदर्शन का दौर भी चलता रहा। जिस कारण भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने में सात वर्ष बीत जाने के बाद भी 48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, मुख्यालय जयनगर की स्थापना के लिए अधिग्रहित भूमि पर एसएसबी का भौतिक कब्जा प्राप्त नहीं हो सका है। जिस कारण एसएसबी की 48वीं वाहिनी को किराए के भवन में संचालित करना पड़ रहा है। इससे कार्यरत जवानों को मुलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करवाया जा सका है। राष्ट्र सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण भंडार का भी उचित तरीके से रख-रखाव नहीं हो पा रहा है।
इसी स्थिति के मद्देनजर एसएसबी के अधिकारी ने डीएम को एक बार फिर पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि अधिग्रहित भूमि का रकवा 75 एकड़़ भूमि की अधिसूचना निरस्त एवं वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए अब सशस्त्र सीमा बल 48वीं वाहिनी के मुख्यालय का स्थाई रुप से स्थापना के लिए नई 75 एकड़ वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।