समस्तीपुर के सृजन को JEE Advance में मिला 1154वीं रैंक

सफलता की सूचना मिलते ही स्वजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। मेंस की परीक्षा में भी उसे 99.87 फीसद अंक मिला था। सृजन अपनी सफलता का श्रेय अपने स्वर्गवासी दादाजी जगदीश झा को देता है। सृजन के पिता शिक्षक हैं तो मां गृहणी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:19 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:19 AM (IST)
समस्तीपुर के सृजन को JEE Advance में मिला 1154वीं रैंक
सृजन ने 12 वीं तक की पढ़ाई समस्तीपुर से ही की है। फोटो- जागरण

समस्तीपुर, जासं। जिले के कल्याणपुर प्रखंड के वासुदेवपुर निवासी अंजना झा एवं संजीत कुमार झा के पुत्र सृजन झा को जेईई एडवांस में 1154 वां रैंक मिला है। पहले ही प्रयास में उसने यह सफलता हासिल की है। उसके सफलता की सूचना मिलते ही स्वजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। मेंस की परीक्षा में भी उसे 99.87 फीसद अंक मिला था। सृजन अपनी सफलता का श्रेय अपने स्वर्गवासी दादाजी जगदीश झा को देता है। सृजन के पिता शिक्षक हैं तो मां गृहणी। बड़े भाई अमर कुमार झा मधेपुरा लोको शेड में अभियंता हैं। परिणाम आते ही लक्ष्य कोचिंग में उनके माता-पिता को बुलाकर स्वागत किया गया। संस्थान के चेयरमैन सह जिला परिषद सदस्य ठाकुर उदय शंकर ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि संस्थान के शिक्षक पुत्र को यह सफलता मिली है। बता दें कि सृजन के पिता उसी संस्थान में शिक्षक हैं। सृजन ने 12 वीं तक की पढ़ाई समस्तीपुर से ही की है।

सत्य आधारित होनी चाहिए पत्रकारिता : प्रो. जितेंद्र

दरभंगा : पत्रकारों को सत्य आधारित पत्रकारिता करनी चाहिए। प्रजातंत्र को जीवित रखने के लिए पत्रकारों का यह दायित्व महत्वपूर्ण है। उक्त बातें राजनीतिक ङ्क्षचतक व लनामिविवि के राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डा. जितेंद्र नारायण ने कही। वो पत्रकार सह समाजसेवी स्व. रामगोङ्क्षवद प्रसाद गुप्ता की 86 वीं जयंती पर Óनोबेल शांति पुरस्कार और निर्भीक पत्रकारिताÓ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। कहा कि सत्य आधारित पत्रकारिता के लिए पत्रकारों का निर्भीक होना एवं पक्षपात रहित होना होगा। मुख्य अतिथि समाजशास्त्री व पूर्व विधान पार्षद डा. विनोद चौधरी ने कहा कि सत्ता, अधिकारी और समाज को सजग करने की जिम्मेवारी का वहन आज भी मीडिया कर रही है। बेनीपुर विधायक डा. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता और निर्भीक पत्रकारिता एक दूसरे के पर्याय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. हरिनारायण ङ्क्षसह ने की। डा. एडीएन ङ्क्षसह, डा. विष्णु कुमार झा, रसायनशास्त्री डा. प्रेम मोहन मिश्र, डा. कृष्ण कुमार, प्रो. रामचंद्र ङ्क्षसह चंद्रेश आदि ने संगोष्ठी को संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद कुमार गुप्ता ने किया।

chat bot
आपका साथी