सेना बहाली में फर्जी पाए गए 13 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की जांच को विशेष टीम गठित

वरीय पुलिस अधिकारियों की तरफ से समीक्षा भी की जाएगी। संबंधित केस के जांच अधिकारी ने एआरओ से मिलकर सभी आरोपित के शैक्षणिक प्रमाण पत्र को बिहार परीक्षा बोर्ड के पास भेजने की कवायद में जुटी है ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 09:31 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 09:31 AM (IST)
सेना बहाली में फर्जी पाए गए 13 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र की जांच को विशेष टीम गठित
प्रारंभिक जांच में इन 13 अभ्यर्थियों के पते फर्जी मिले थे।

जासं, मुजफ्फरपुर। दो साल पूर्व हुए सेना बहाली में पकड़े गए 13 फर्जी अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। टीम इन सभी अभ्यर्थियों का सत्यापन कर रही है। कहा जा रहा कि जिस पते के बारे में अभ्यर्थियों द्वारा जानकारी दी गई, उसपर वर्तमान में कोई जानकारी नहीं मिल रही। बता दें कि इसमें मुजफ्फरपुर के सात, पूर्वी चंपारण के तीन, समस्तीपुर के दो और सीतामढ़ी के एक युवक शामिल थे। मामले में जल्द ही वरीय पुलिस अधिकारियों की तरफ से समीक्षा भी की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। संबंधित केस के जांच अधिकारी ने एआरओ से मिलकर सभी आरोपित के शैक्षणिक प्रमाण पत्र को बिहार परीक्षा बोर्ड के पास भेजने की कवायद में जुटी है। कहा जा रहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। बता दें कि सात जनवरी से जनवरी 2019 को हुए बहाली में चक्कर मैदान में समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, मोतिहारी व बेतिया जिले के अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रारंभिक जांच में इन 13 अभ्यर्थियों के पते फर्जी मिले थे। मामले में तत्कालीन निदेशक कर्नल ने काजीमोहम्मपुर थाने में 2019 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 

डीएम ने जिला मत्स्य पदाधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

जासं, मुजफ्फरपुर : जिला मुख्यालय से अनुपस्थित रहने पर डीएम प्रणव कुमार ने जिला मत्स्य पदाधिकारी डा. टुनटुन ङ्क्षसह से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उनका एक दिन का वेतन स्थगित रखने का आदेश दिया है। जारी आदेश में डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन ग्रुप में सूचना दी गई थी, मगर इसकी बिना स्वीकृति के उन्होंने मुख्यालय छोड़ दिया। ऐसा किया जाना आदेश की अवहेलना है। पूर्व में यह आदेश दिया गया था कि तीन दिन पूर्व आवेदन देकर मुख्यालय छोडऩे के लिए स्वीकृति ली जाए। ऐसा नहीं किया। यह अनुशासनहीनता के साथ ही वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना है। 23 जून को वे मुख्यालय से अनुपस्थित पाए गए। इसे देखते हुए इस बारे में स्पष्टीकरण दें। उक्त तिथि का वेतन स्पष्टीकरण का निर्णय होने तक स्थगित रहेगा।

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