दरभंगा के इस गांव में छह महीने नाव और छह महीने बांस के पुल पर लोगों का जीवन

तारडीह प्रखंड की ठेगहा पंचायत के भेडिय़ारही गांव के लोगों को एक अदद पुल नहीं हो सका है नसीब। यहां के लोग बरसात के दिनों में करीब छह महीने नाव के भरोसे जीवन गुजारते हैं। वहीं शेष छह महीने बांस की चचरी पुल के भरोसे।

By Vinay PankajEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 12:42 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 12:42 PM (IST)
दरभंगा के इस गांव में छह महीने नाव और छह महीने बांस के पुल पर लोगों का जीवन
आवागमन के लिए बांस का पुल तैयार करते ग्रामीण

 दरभंगा, जेएनएन। देश और प्रदेश विकास की राह पर है। सूबे के सभी गावों तक सड़क और पुल-पुलियों का जाल बिछ चुका है। लेकिन, दरभंगा जिले के तारडीह प्रखंड की ठेगहा पंचायत का भेडिय़ारही गांव आज भी एक अदद पुल के लिए तरस रही है। यहां के लोग बरसात के दिनों में करीब छह महीने नाव के भरोसे जीवन गुजारते हैं। वहीं शेष छह महीने बांस की चचरी पुल के भरोसे। आजादी के सात दशक बाद भी गांव को एक अदद पुल नसीब नहीं हो सका है। इस कारण से यहां के लोगों को आधुनिक युग में भी सालों पुरानी स्थिति में जीना पड़ता है।

कमला नदी बनी समस्या का वाहक

कमला नदी के किनारे बसे इस गांव के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के दिनों तब होती है जब किसी रोगी को अस्पताल ले जाना होता है। या तो नाव के सहारे घर से अस्पताल जाते हैं। या फिर पानी कम रहा तो चचरी पुल के भरोसे। कई बार तो नदी में पानी ज्यादा होने पर परेशानी बढ़ जाती है।

नदी का जलस्तर घटने के साथ शुरू हो जाता पुल निर्माण

बरसात के समाप्त होने के बाद लोग नदी में पानी घटने का इंतजार करते हैं। जैसे ही पानी कम होता है। ग्रामीण आपस में चंदा जुटाकर नदी के अंदर बांस के बूते चचरी पुल का निर्माण कार्य शुरू कर देते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि आजतक जनप्रतिनिधियों ने महज वोट लिया है। एक अदद मजबूत पुल नहीं होने के कारण गांव का विकास बाधित है।

डेढ़ सौ परिवार वाले गांव के लोगों ने नहीं हारी हिम्मत

इस गांव में करीब डेढ़ सौ परिवार रहते हैं। लोगों के बीच आज भी एक पुल के निर्माण की उम्मीद जगी है। ग्रामीण ज्योतिष यादव, प्रमोद यादव, दिनेश यादव, अमित कुमार कमल, शंभू यादव, नवीन कुमार चंदन यादव कहते हैं आजादी से लेकर अबतक हम और हमारे पूर्वज वोट देते आए हैं। पुल बनाने का आश्वासन भर मिला है। गांव के संपन्न लोग पलायन कर गए। लेकिन, हम गरीब खतरों से लड़कर कमला की मर्जी पर चल रहे हैं। इंतजार एक अदद पुल का है।

मंत्री और विधायक को दिया आवेदन

पंचायत की मुखिया जुलेखा खातून ने बताया कि नदी पर पुल बनाने को लेकर पूर्व विधायक व जल संसाधन मंत्री को ग्रामीणों के द्वारा लिखित आवेदन दिया है। लेकिन, अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है।

विधायक ने कहा कि उच्चस्तरीय पुल निमार्ण के लिए होगी पहल

हायाघाट के विधायक मिश्रीलाल यादव ने कहा चुनाव के दौरान लोगों ने इस समस्या को अवगत कराया था। सरकार से इसके लिए मांग की जाएगी। समय रहते लोगों की समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा।

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