Sitamarhi News: रीगा थानाध्यक्ष की कस्टडी से भागा कैदी, एसपी ने लिया कड़ा एक्शन

Sitamarhi सोमवार को गिरफ्तार किए गए थे दो अपराधी एक रास्ते से निकल भागा। विवादों में घिरने लगे थे थानाध्यक्ष एसपी को लेना पड़ा कड़ा एक्शन। एसपी का कहना है कि सुबोध कुमार की लापरवाही के कारण गुरुवार को एक कैदी उनके चंगुल से भाग निकला।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:13 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:13 PM (IST)
Sitamarhi News: रीगा थानाध्यक्ष की कस्टडी से भागा कैदी, एसपी ने लिया कड़ा एक्शन
रीगा थानाध्यक्ष की कस्टडी से भागा कैदी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। रीगा थानाध्यक्ष सुबोध कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उनकी जगह सोनबरसा के पुलिस अवर निरीक्षक संजय कुमार को कमान सौंपी गई है। एसपी हरकिशोर राय ने सुबोध कुमार को कर्तव्य में लापरवाही के लिए निलंबित किया है। एसपी का कहना है कि सुबोध कुमार की लापरवाही के कारण गुरुवार को एक कैदी उनके चंगुल से भाग निकला। इस मामले में बीएमपी के दो जवानों को भी निलंबित किया गया है। थानाध्यक्ष सुबोध कुमार उस कैदी को रीगा थाने से सीतामढ़ी कोर्ट ला रहे थे, रास्ते से ही वह फरार हो गया। थानाध्यक्ष के साथ बीएमपी के दो जवानों की मौजूदगी में एक कैदी की फरारी को पुलिस कप्तान ने गंभीरता से लेते हुए कर्तव्य में घोर में लापरवाही करार दिया है। इतना ही नहीं लॉकडाउन के दरम्यान भी उनकी ड्यूटी में कोताही की शिकायत मिली है। निलंबित किए गए बीएमपी के जवानों के नाम संजीव कुमार देव व अशित कुमार बताए गए हैं।

ये है निलंबित थानाध्यक्ष की दलील जो गले नहीं उतरती

सोमवार को रेवासी मठ के समीप सड़क के किनारे दो युवक दिखाई पड़े। वे पुलिस को देखकर भागने लगे। जवानों ने खदेड़ कर दोनों को पकड़ लिया। उनकी पहचान कुसमारी गांव के अरुण कुमार भूमि एवं साखी हनुमाननगर गांव के शिवम कुमार के रूप में की गई। अरुण के पास से एक कट्टा व कारतूस बरामद हुआ। दोनों को वह कोर्ट में प्रस्तुत करने मंगलवार को ले जा रहे थे। पंछोर गांव के समीप पुलिस गाड़ी का चक्का पंचर हो गया। चक्का बदलने के दौरान अरुण कुमार भूमि चकमा देकर पुलिस हिरासत से भाग निकला। थानाध्यक्ष ने बताया कि फरार बदमाश पर अलग से प्राथमिकी दर्ज की गई। थानाध्यक्ष ने यह भी कहा था कि दोनों किसी आपराधिक वारदात की साजिश रच रहे थे। सवाल लाजिमी है कि जब पुलिस को यह बात पता है कि वे दोनों शातिर अपराधी हैं, पुलिस को और अधिक अलर्ट मोड में रहना चाहिए।

चार दिनों के अंदर रीगा थाना क्षेत्र में दो हत्याकांड

बात यहीं नहीं रुकती। थानाध्यक्ष इन दिनों विवादों में घिर गए थे। एक सूचना यह भी सुर्खियों में आई कि रीगा में पुलिस के नाम पर घुसखोरी बढ़ गई है। एक शख्स थानाध्यक्ष के नाम पर खुला वसूली कर रहा है। हालांकि, इस मामले के सामने आने के बाद थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने खुद ही एक्शन लिया। उस शख्स के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई। रीगा के खरसान गांव निवासी दर्पण सिंह पर पुलिस के नाम पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा था। कई लोगों की शिकायत थी कि पुलिस के नाम पर मोटी रकम उसने वसूल की है। 26 अप्रैल को रीगा थाना क्षेत्र के कुशमारी खैरवा पथ में कुशमारी गांव से 100 मीटर की दूरी पर चिमनी संचालक अजय महतो (40) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुशमारी गांव निवासी राजेंद्र महतो के पुत्र अजय अपने भाई शंभू महतो के साथ चिमनी पर जा रहे थे। मृतक के भाई शंभू का कहना था कि अपराधियों ने उनके भाई से तीन लाख रुपये भी लूट लिए। इस हत्याकांड को पुलिस ने भूमि विवाद से जोड़कर विवाद को जन्म दे दिया। शहर से सटे रीगा थाना क्षेत्र के भवदेपुर में ही 21 अप्रैल की रात पीट-पीटकर एक मजदूर की हत्या कर दी गई। अगली सुबह से इस हत्याकांड को लेकर इलाके में भारी बवाल छिड़ गया। चमड़ा गोदाम में काम करने वाले रौशन राम का शव उस गोदाम से बरामद हुआ था।

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