सही, सटीक व त्वरित निर्णय के लिए मुजफ्फरपुर की महिलाओं-बेटियों को जागृत कर रहीं शिवानी

शिवानी इन दिनों सेंटर फार कैटेलाइजिंग चेंज नामक संस्था से जुड़कर लिंगभेद व महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता चला रही है । सही सटीक व त्वरित निर्णय के लिए महिलाओं-बेटियों को जागृत कर रही हैं ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 11:44 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 11:44 AM (IST)
सही, सटीक व त्वरित निर्णय के लिए मुजफ्फरपुर की महिलाओं-बेटियों को जागृत कर रहीं शिवानी
बचपन से ही बेटियों के प्रति भेदभाव देख शिवानी ने लिया जागरूकता फैलाने का संकल्प। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। खाने-पीने, पढ़ाई-लिखाई से लेकर उपचार तक में हर जगह पर बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता है। वह खुद इसकी भुक्तभोगी रही हैं। इतना कहकर गुस्से से तमतमा जाती हैं मोतीपुर की शिवानी वर्मा। वे कहती हैं कि समाज में बेटियों के साथ हर स्तर पर भेदभाव है, वह रक्त-बीज राक्षस की तरह है। उसका वध होना चाहिए। जब तक हम बेटा-बेटी को एक चश्मा से नहीं देखेंगे तबतक न समाज और न ही देश का भला होगा। शिवानी इन दिनों सेंटर फार कैटेलाइजिंग चेंज नामक संस्था से जुड़कर लिंगभेद व महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता चला रही है। सही, सटीक व त्वरित निर्णय के लिए महिलाओं-बेटियों को जागृत कर रही हैं। 

इस तरह मन में आया बदलाव

शिवानी की मानें तो बात 2002 की है। वह मैट्रिक पास की। उसके बाद इंटर की पढ़ाई का संकल्प ली। इस दौरान समस्या भी आई। समाज के लोग माता-पिता को सुझाव देने लगे कि यह बेटी है, इसको उच्च शिक्षा दिलाने से क्या लाभ होगा? आखिर वह ससुराल चली जाएगी। वह पढ़ाई के लिए रोने लगी। जिद की, उसके बाद स्वजन तैयार हुए। मोतिहारी के एमएस कालेज में दाखिला ली। वहां से एमए की पढ़ाई पूरा की। उसके बाद विवाह हुआ तो ससुराल से लेकर मायके तक महिलाओं को जागरूक की। एक दर्जन से अधिक बच्चियों के स्वजन की काउंसिलिंग कर उनको उच्च शिक्षा दिलाई। यह सिलसिला अभी जारी है। 2011 जन शिक्षा संस्थान से जुड़कर काम की। इन दिनों सेंटर फार कैटेलाइजिंग चेंज के जिला समन्वयक की जवाबदेही निभा रही हैं।

इस तरह चल रहा अभियान

अभी मीनापुर व मुशहरी दो प्रखंड में महिला प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता चला रही हैं। किशोरियों का समूह पैड बैंक संचालित कर रहा है। शिवानी कहती हैं कि मासिक धर्म हाेने पर महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती हैं इससे संक्रमण का खतरा रहता है। यदि वह पैड का इस्तेमाल करती हैं तो उनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा। लिंग भेद को समाप्त करने के लिए महिला मुखिया, पंचायत समिति व वार्ड सदस्य से लगातार संवाद करती हैं। महिलाओं व बेटियों के शत प्रतिशत टीकाकरण अन्य योजनाओं के लाभ के लिए जागरूक कर रही हैं। कल्याणकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ बेटियों को दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।  

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