शिवहर-सीतामढ़ी के गन्ना किसानों के साथ फिर हकमारी, 40 हजार किसान मुआवजे के लिए परेशान

Sheohar news बाढ़-बारिश से प्रभावित गन्ने की फसल की क्षतिपूर्ति की सूची में दोनों जिलों का नाम नहीं बेमौसम बारिश से बर्बाद गन्ने की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजे का किया है एलान।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 08:42 AM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 08:42 AM (IST)
शिवहर-सीतामढ़ी के गन्ना किसानों के साथ फिर हकमारी, 40 हजार किसान मुआवजे के लिए परेशान
श‍िवहर व सीतामढ़ी ज‍िले में लगभग 50 प्रत‍िशत गन्‍ने की फसल नुकसान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

शिवहर, {नीरज}। पिछले साल शिवहर-सीतामढ़ी के किसानों को व्यवस्था की मार झेलनी पड़ी थी। रीगा चीनी मिल बंद होने से उन्हें भारी नुकसान हुआ था। इस साल पहले मौसम की मार से गन्ना किसान बर्बाद हुए। अब गन्ना उद्योग विभाग की बेपरवाही ने किसानों की कमर तोड़ दी है। उन्हें बाढ़-बारिश में बर्बाद हुई गन्ने की फसल का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, जबकि गन्ना उत्पादन वाले अन्य जिलों को दिया जा रहा है। सरकार ने बेमौसम बारिश से बर्बाद गन्ने की फसल के नुकसान की भरपाई के लिए 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजे का एलान किया है। इसके तहत किसानों से आठ नवंबर से आनलाइन आवेदन लिया जा रहा है।

हैरत की बात है कि शिवहर व सीतामढ़ी के 40 हजार गन्ना किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। वजह गन्ना उद्योग विभाग की सूची में समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, बेगूसराय, बक्सर और गोपालगंज जिले को ही शामिल किया गया। शिवहर और सीतामढ़ी को छोड़ दिया गया है, जबकि बेमौसम बारिश से दोनों जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। यहां तकरीबन 40 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई है। इसकी 50 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई है।

उल्लेखनीय है कि पिछली बार रीगा चीनी मिल बंद होने से किसानों को औने-पौने दाम में गन्ना बेचना पड़ा था। उम्मीद थी कि इस साल चीनी मिल चालू होगी, लेकिन इसकी संभावना नहीं है। अभी तक क्षेत्र का गन्ना किसी चीनी मिल को आवंटित भी नहीं किया गया है। तरियानी के गन्ना किसान अरविंद सिंह, नागा सिंह, योगेंद्र सिंह और पुरनहिया के किसान बच्चू सिंह, कमलेश प्रसाद व सिकंदर महतो का कहना है कि हमें किस आधार पर लाभ से वंचित किया गया, इसकी जानकारी कृषि विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे। वे इसे गन्ना उद्योग विभाग का मामला बता पल्ला झाड़ रहे हैं।

ईखोत्पादक संघ के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि कृषि विभाग दोनों जिलों में अन्य फसलों के नुकसान का मुआवजा दे रहा है, लेकिन गन्ना किसानों को इससे वंचित कर दिया गया है। यह किसानों के साथ नाइंसाफी है।

- किसानों की शिकायत मिली है। इलाके के गन्ना किसानों को भी लाभ मिले, इसके लिए गन्ना उद्योग विभाग से बात की जा रही है। -सज्जन राजशेखर, डीएम

chat bot
आपका साथी