शिवहर : मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मियो का आंदोलन जारी

Sheohar News नेशनल हेल्थ मिशन से जुड़े संविदा आधारित स्वास्थ्यकर्मियों ने काला बिल्ला लगा किया काम। वहीं सांकेतिक प्रदर्शन कर हक के लिए आवाज बुलंद की।मांगे नहीं मानी गई तो 12 मई से होम आइसोलेशन में चले जाएंगे कर्मी।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:48 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:48 PM (IST)
शिवहर : मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मियो का आंदोलन जारी
शिवहर: मांगों के समर्थन में काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करते एनआरएचएम से जुड़े संविदा आधारित स्वास्थ्यकर्मी।

शिवहर, जागरण संवाददाता। बिहार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ व अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को दूसरे दिन भी जिले के स्वास्थ्य विभाग के संविदा आधारित कर्मियों का राज्यव्यापी आंदोलन जारी रहा। दूसरे दिन भी विभिन्न नेशनल हेल्थ मिशन से जुड़े और सभी अस्पतालों में तैनात संविदा आधारित कर्मियों ने काला बिल्ला लगा काम करते हुए शासन-प्रशासन की नीतियों  के प्रति  विरोध जताया। वहीं सांकेतिक प्रदर्शन कर हक के लिए आवाज बुलंद की। साथ ही सरकार की दोहरी नीति  के  प्रति आक्रोश जताया। संघ से जुड़े राजीव सिन्हा ने बताया कि, इस संबंबध में शिवहर सिविल सर्जन,  स्वास्थ्य विभाग  और सरकार को ई-मेल भेजा गया है। जिसमें अविलंब मांग पूरा नहीं होने की स्थिति में 12 मई से सभी कर्मी होम आइसोलेशन में चले जाने की जाकारी दी गई है।

 बताया हैं कि, छह मई से कर्मी  काला बिल्ला लगाकर काम करते हुए विरोध जता रहे है। उनका यह विरोध प्रदर्शन आठ मई तक जारी रहेगा। इनकी मांगों में एनएचएम से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मियो के लिए बीमा, स्वास्थ्य बीमा, आरबीएसके के फार्मासिस्टों का मानदेय बिहार सरकार द्वारा अनुबंधित फार्मासिस्ट के वेतन के समतुल्य करने आदि शामिल है। कहा  गया हैं कि, उनकी मांगों के प्रति  सरकार दोहरी नीति अपना रही है। बताया गया हैं कि, कोरोना संक्रमण के मौजूदा दौर में संविदा आधारित स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर काम कर रहे है।  लगातार  मेहनत के बावजूद सरकार द्वारा  उनकी उपेक्षा की जा रही है। ऐसे में अबकी बार सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो सभी कर्मी अनिश्चितकाल के लिए होम आइसोलेशन में चले जाएंगे। इसके चलते अगर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था खराब होती है तो इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग और सरकार की होगी।

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