Sheohar News: कोरोना काल व लॉकडाउन में बाहर फंसे लोगों की उम्मीद बने अनीष

Sheohar News कोरोना काल व लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में फंसे लोगों के लिए शिवहर निवासी अनीष कुमार झा उम्मीद बने हैं। महानगरों में फंसे 500 से अधिक प्रवासी मजदूरों का ट्रेन टिकट कटा की घर वापसी की राह आसान।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 03:28 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 03:28 PM (IST)
Sheohar News: कोरोना काल व लॉकडाउन में बाहर फंसे लोगों की उम्मीद बने अनीष
शिवहर निवासी अनीष कुमार झा की तस्वीर।

शिवहर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल व लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में फंसे लोगों के लिए शिवहर निवासी अनीष कुमार झा उम्मीद बने हैं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सीतामढ़ी और शिवहर समेत बिहार के अन्य जिलों के 500 से अधिक लोगों को ट्रेन के माध्यम से उनके घर भेजने और हजारों मजदूरों को भोजन सामग्री उपलब्ध कराने वाले अनीष झा इस बार भी सक्रिय हैं। वे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में मजदूरी और खेतों में काम करने वाले लोगों को ट्रेन के माध्यम से घर भेज रहे हैं। अबतक 400 से अधिक लोगों को सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर भेज चुके हैं। इनके अलावा दिल्ली की विभिन्न बस्तियों में रहने वाले दो सौ से अधिक लोगों को भोजन और जरूरी दवा की व्यवस्था भी कर चुके हैं।

 अनीष की दिल्ली और एनसीआर में एक दर्जन से अधिक शिक्षण संस्थाएं हैं। कोरोना काल में सीमित कमाई के बावजूद लोगों की सेवा में खर्च कर रहे हैं। उन्होंने फेसबुक के माध्यम से अपना मोबाइल नंबर जारी किया है। पिछली बार भी उन्होंने फेसबुक के माध्यम से अपना मोबाइल नंबर जारी कर जरूरतमंदों को सहयोग किया था। दूसरी लहर में लोग इसी नंबर पर काल कर मदद मांगने लगे। इससे अनीष खुद को रोक नहीं सके और दिल खोलकर लोगों की मदद शुरू कर दी है। अब भी वह दिल्ली से लेकर शिवहर तक जरूरतमंदों की मदद कर रहे है। उनके सहयोग से घर पहुंचे तरियानी के फूलबाबू, मनोज कुमार, पिपराही के अशोक राय, रामबली पासवान, सरयुग राम, नीतिश कुमार बताते हैं कि एक काल पर अनीष झा ने उनके टिकट की व्यवस्था की और वे घर पहुंच गए। कुछ इसी तरह पुरनहिया के राम सागर साह ने बताया कि, वह सपरिवार दिल्ली में मजदूरी करते थे। परिवार के सभी चार लोग बीमार भी हो गए थे।

 अनीष झा की पहल पर दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज हुआ और फिर उन्होंने टिकट कटवा कर गांव भेजा। इधर, अनीष झा बताते हैं कि, कोरोना ने जिंदगी के मायने बदल दिए है। लोग अपनों से भी मुंह मोड़ रहे है। विपदा की इस घड़ी में वैसे लोग भी हैं जो दूसरों की मदद कर रहे है। कहा कि, जरूरतमंदों की सेवा ही मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। वर्तमान में मानवता खतरे में है। लिहाजा, वह भी जरूरतमंदों की सेवा कर रहे है। मूल रूप से जिले के पुरनहिया प्रखंड के चिरैया निवासी अनीष झा को समाज सेवा के क्षेत्र में भूटान की सरकार ने इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित किया था। अनीष ने पिछली बार पीएम केयर फंड में भी मोटी रकम दी थी। इस बार वह मजदूरों के खेवनहार बनकर उभरे है।

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