समस्तीपुर में आश्रय स्थल बनी शोभा की वस्तु, सुविधाओं का टोटा

रैन बसेरा में रुकने के लिए बेड और मौसम के हिसाब से गर्म कपड़े की व्यवस्था की गई है। लेकिन अधिकांश समय मुख्य द्वार पर ताला लगा रहता है। केयर टेकर और सुरक्षा प्रहरी भी प्रतिनियुक्त नहीं है। स्थिति है कि रैन बसेरा एक शोभा की वस्तु बन गई है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 08:42 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 08:42 AM (IST)
समस्तीपुर में आश्रय स्थल बनी शोभा की वस्तु, सुविधाओं का टोटा
ठंड में जरूरतमंद लोगों को करना पड़ रहा है परेशानी का सामना। फोटो- जागरण

समस्तीपुर, जासं। शहर के कर्पूरी बस पड़ाव स्थित आश्रय स्थल (रैन बसेरा) में पर्याप्त संसाधन के बावजूद जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। ठंड के मौसम में आश्रय की तलाश कर रहे जरूरतमंद इधर-उधर भटक रहे हैं। आसपास के कुछ लोगों को छोड़ दें कि तो यहां पर अधिकतर लोगों को यह पता नहीं कि शहर में रैन बसेरा भी प्रशासन के द्वारा बनाया गया है। जानकारी के लिए मुख्य शहर के मुख्य जगहों पर बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। हलांकि, रैन बसेरा में रुकने के लिए बेड और मौसम के हिसाब से गर्म कपड़े की व्यवस्था की गई है। लेकिन, अधिकांश समय मुख्य द्वार पर ताला लगा रहता है। केयर टेकर और सुरक्षा प्रहरी भी प्रतिनियुक्त नहीं है। स्थिति है कि रैन बसेरा एक शोभा की वस्तु बन गई है।

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत 42 लाख की प्राक्कलन राशि से निराश्रितों के लिए कर्पूरी बस पड़ाव में रैन बसेरा का निर्माण कराया गया था। सरकार ने आश्रय विहीन लोगों को रहने के लिए रैन बसेरा में बेड, शौचालय, पेयजल, मनोरंजन व भोजन की सुविधा दी। तीन मंजिला इमारत में 50 बेड के साथ 24 घंटे रुकने के सुविधा दी गई। ताकि, आश्रय विहिन व्यक्ति इधर-उधर न भटकें। लेकिन, निगर प्रशासन की लापरवाही के लिए जरुरतमंद लाभ से वंचित रह जाते हैं। पिछले कई माह से भवन में ताला लगा था। हालहि में निगम प्रशासन द्वारा दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना अंतर्गत संचालित स्वंय सहायकता समूह को इसे संचालित करने और देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके बाद पुन: व्यवस्था को संचालित करने का काम शुरू कर दिया गया है।

नगर प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि स्वंय सहायकता समूह को आश्रय स्थल की जिम्मेदारी दी गई है। अविलंब व्यवस्था को सुचारु करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि आश्रय स्थल में 24 घंटे निशुल्क रहने की व्यवस्था है। ठंड के मौसम को देखते हुए आश्रय स्थल में बेड पर गर्म कपड़े की व्यवस्था की गई है। सुबह-शाम दो वक्त लोगों को मामूली दर पर भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। नगर मिशन प्रबंधक रुबी कुमारी ने बताया कि व्यवस्था को सुचारु करने का काम शुरु कर दिया गया है। 

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